PM Modi Independence Day Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लगातार 11वीं बार ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराकर देश को संबोधित किया।पीएम मोदी ने 2014 के बाद से अब तक 11 बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया है हर बार की तरह इस बार भी पीएम मोदी ने तिरंगा फहराने के बाद देश को संबोधित किया लेकिन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी का इस बार का भाषण अब तक का सबसे लंबा भाषण रहा।प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार 98 मिनट तक देश को संबोधित किया इससे पहले 15 अगस्त के मौके पर उनका संबोधन 2016 में 96 मिनट का सबसे लंबा था जबकि 2017 में पीएम मोदी का सबसे छोटा भाषण केवल 56 मिनट का था।
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PM मोदी के भाषण पर विपक्षी नेताओं ने जताई आपत्ति
लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए भाषण की देश में खूब चर्चा हो रही है।पीएम मोदी ने भाषण में सेक्यूलर सिविल कोड को देश की जरुरत बताया जिस पर विपक्ष ने अब उनके इस बयान को संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का घोर अपमान बताया है।पीएम मोदी ने कहा,हमारे देश में सुप्रीमकोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बात कही है कोर्ट ने इस पर कई बार आदेश भी दिए हैं।पीएम मोदी ने कहा,जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं वो एक तरह का कम्युनल सिविल कोड है जो भेदभाव करने वाला सिविल कोड है।
कांग्रेस नेता ने बताया बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा,अब समज की जरुरत है देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड हो हमने कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा तब हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के इस हिस्सो पर विपक्ष ने अपनी आपत्ति जताई है।कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि,पीएम मोदी ने ऐसा कहकर संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया है उन्होंने कहा,आजादी के बाद से अब तक देश में सांप्रदायिक नागरिक संहिता है बाबा साहेब हिंदू पर्सनल लॉ में जिन सुधारों के बड़े पैरोकार थे उनका आरएसएस और भारतीय जनसंघ ने विरोध किया था।
RJD सांसद ने कहा,प्रधानमंत्री ने फिर निराश किया
आरजेडी सांसद मनोज झा ने पीएम मोदी के भाषण पर आपत्ति जताते हुए कहा,प्रधानमंत्री को इस बात का एहसास नहीं है कि,देश में केवल एक प्रधानमंत्री है जिन लोगों ने विपक्ष को वोट दिया उनका कोई अलग प्रधानमंत्री नहीं है।मनोज झा ने कहा,धर्मनिरपेक्षता एक प्रक्रिया है इसे आत्मसात करना होगा प्रधानमंत्री ने आज धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता के बारे में बात की हम हर बार उम्मीद करते हैं कि,प्रधानमंत्री अपनी संकीर्ण मानसिकता छोड़ देंगे तो वो निराश करते हैं।
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