Bangladesh News: बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा किसी से छुपी नहीं है। बांग्लादेशी हिन्दुओं के साथ हो रहे हिंसक बर्ताव से आज पूरा देश वाकिफ है। अब तक न जाने कितने मासूमों की मौत हो चुकी है। बंग्लादेश में शेख हसीना (Sheikh Hasina) की सरकार गिरने के बाद उनके मंत्रियों को चुन-चुन कर गिरफ्तार किया जा रहा है। इन्ही सब के बीच में बांग्लादेश की अपदयस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के निवेश सलाहकार सलमान एफ रहमान और पूर्व कानून मंत्री अनिसुल हक को ढाका के सदरघाट से भागते समय गिरफ्तार किया गया।
‘रस्सियों से बांधा हाथ, नाव पर घेरा’
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उन्हें अपराधियों की तरह रस्सियों से बांध दिया गया। एक घंटे के भीतर उन पर दोहरे हत्याकांड का आरोप लगा दिया गया। शेख हसीना के इन मंत्रियों में इतना खौफ बैठ गया था कि गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी पहचान पूरी तरह से बदल ली थी। उन्होंने अपनी दाढ़ी कटवा दी थी और मछुआरों या नाविक की तरह वेश बना लिया था। बांग्लादेश के हिंदू नेताओं ने आरोप लगाया है कि 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से ही अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है। बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस के सदस्यों ने इस हमले को ‘हिंदू धर्म पर हमला’ करार दिया है।
आवाज उठाते हिंदू नेता
हिंदू ग्रैंड अलायंस के प्रवक्ता और कार्यकारी सचिव पलाश कांति डे ने कहा कि बदलते राजनीतिक परिदृश्य के कारण हिंदू समुदाय पर बर्बरता, लूटपाट, आगजनी, भूमि हड़पने और देश छोड़ने की धमकियों की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। डे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘यह केवल व्यक्तियों पर हमला नहीं है, बल्कि हिंदू धर्म पर हमला है।’ हिंदू ग्रैंड अलायंस के अध्यक्ष प्रभास चंद्र रॉय ने कहा कि, ‘जब भी सरकार बदलती है, सबसे पहले हिंदुओं पर हमला होता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि अतीत में ऐसी घटनाएं कम होती थीं, लेकिन हाल ही में इनमें लगातार वृद्धि हुई है। हम इस देश में सुरक्षा के साथ रहना चाहते हैं।’ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गठबंधन ने पिछले 24 वर्षों में विभिन्न राजनीतिक दलों के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं, लेकिन वे पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘अब हमें उम्मीद है कि अंतरिम सरकार हमारी पुरानी मांगों पर अवश्य ध्यान देगी।’
नोबेल विजेता यूनुस की अपील
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने ढाकेश्वरी मंदिर में हिंदू समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की और लोगों से उनकी सरकार की भूमिका का आकलन करने से पहले ‘धैर्य रखने’ का आग्रह किया। यूनुस ने कहा, ‘हम सभी एक समान अधिकार रखते हैं। कृपया धैर्य रखें और हमारी सहायता करें।’
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सार्वजनिक जांच रिपोर्ट की मांग
ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, हिंदू नेताओं ने दोषियों के लिए त्वरित सुनवाई और सार्वजनिक जांच रिपोर्ट की मांग की है। उन्होंने 2000 से लेकर अब तक अल्पसंख्यक उत्पीड़न की रिपोर्ट जारी करने, दुर्गा पूजा के दौरान तीन दिन की छुट्टी और अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना की भी मांग की है। यह घटनाक्रम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है। जब भी राजनीतिक परिदृश्य बदलता है, सबसे पहले अल्पसंख्यक समुदाय ही इसका शिकार होता है। यह आवश्यक है कि सरकार त्वरित और कठोर कार्रवाई करे, ताकि दोषियों को सख्त सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। समाज को भी इस दिशा में जागरूक होना होगा और सभी समुदायों के बीच सद्भावना और समानता को बनाए रखना