PM Modi: 2024 लोकसभा चुनाव सफलतापूर्वक जीतने के बाद पीएम मोदी तेज़ी से भारत को तरक्की की राह पर अग्रसर करने के प्रयास में लग गए हैं। भारत के तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी 19 जून को बिहार के राजगीर स्थित अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं। इस दौरान वे विश्वविद्यालय के नवनिर्मित परिसर का उद्घाटन भी करेंगे। पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि शपथग्रहण के 10 दिन बाद ही वे बिहार क्यों आ रहे हैं। आखिर इसके पीछे क्या वजह हो सकती है। कई लोग इस उद्घाटन को राजनीति से जोड़ते यह भी कह रहे कि सहयोगी दल का मन रखना भी जरूरी है नहीं तो सत्ता में फेरबदल होने में समय नहीं लगता है। इस समारोह के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे।
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कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी
बिहार दौरे में पीएम मोदी देश-विदेश के सभी छात्रों को भी संबोधित करेंगे। उनकी इस यात्रा का प्रारंभ बनारस से होगा। पीएम मोदी 19 जून को सुबह 8:30 बजे बनारस एयरपोर्ट से गया के लिए रवाना हो जायेंगे और 9:15 बजे गया एयरपोर्ट पर पहुंच जायेंगे। वहां से वे 9:20 बजे हेलीकॉप्टर से नालंदा जिला के राजगीर स्थित अंतर्राष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के परिसर के लिए रवाना होंगे। राजगीर में उनका हेलीकॉप्टर 9:50 बजे नालंदा विश्वविद्यालय परिसर के हेलिपैड पर उतरेगा। वहां से वे अपने पूरे काफिले के साथ सुषमा स्वराज ऑडिटोरियम में 10 बजे पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 10 बजे से लेकर 11:30 बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में नालंदा विश्वविद्यालय के नवनिर्मित परिसर का उद्घाटन करेंगे।
इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की उपस्थिति को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या इस दौरान बिहार के लिए कोई बड़ा फैसला हो सकता है। हालांकि, इसका पता तो दौरे के बाद ही चलेगा।
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नालंदा विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक महत्व
नालंदा विश्वविद्यालय, प्राचीन भारत का एक प्रमुख शिक्षा केंद्र, जिसका अस्तित्व 5वीं से 12वीं सदी तक रहा, को बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण अध्ययन और अनुसंधान के लिए जाना जाता था। यहां के विशाल पुस्तकालय और प्रतिष्ठित शिक्षकों ने इसे वैश्विक शिक्षा का केंद्र बना दिया था। दुर्भाग्यवश यह विश्वविद्यालय 1193 ईस्वी में आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था।
इसके बाद नालंदा विश्वविद्यालय की पुनःस्थापना का विचार 21वीं सदी में आया। 2010 में भारत सरकार ने इसे पुनर्जीवित करने की योजना बनाई। इसके तहत नालंदा विश्वविद्यालय का नया परिसर बिहार के राजगीर में स्थापित किया गया है। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य प्राचीन नालंदा की ज्ञान परंपरा को आधुनिक शिक्षा और अनुसंधान के साथ जोड़ना है।
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