NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। पूरे देश भर के छात्रों का भविष्य इस बार दाव पर लगा है। पूरा साल मेहनत कर रहे इन बच्चो का सपना होता है कि नीट पास कर एक अच्छे कॉलेज में दाखिला लेकर अपने भविष्य को संजोय और कुछ कर के दिखला जाये। परन्तु छोटी सी लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना करतूतों की वजह से आज पूरे देश में नीट एग्जाम में बैठने वाला हर बच्चा प्रोटेस्ट कर रहा हैं।
हाल ही में बिहार में नीट (यूजी) पेपर लीक मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने 9 परीक्षार्थियों को नोटिस भेजा है। ये सभी परीक्षार्थी बिहार के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। EOU ने सभी को उनके अभिभावकों के साथ पूछताछ के लिए कार्यालय में बुलाया है। 5 मई को नीट की परीक्षा होने से पहले ही पटना के एक निजी स्कूल में सॉल्वर गिरोह द्वारा कुछ परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र रटवाने का मामला नजर में आया था। पुलिस को जांच- पड़ताल के बाद सॉल्वर गिरोह के पास से 13 परीक्षार्थियों के रोल कोड मिले थे। इनमें से चार को पुलिस ने उसी समय गिरफ्तार कर लिया था।
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एनटीए ने भेजे प्रवेश-पत्र
नौ परीक्षार्थियों के बारे में जानकारी निकालने के लिए ईओयू ने एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को एक पत्र लिखा था। बुधवार की देर रात एनटीए ने इन परीक्षार्थियों के प्रवेश-पत्र ईओयू को भेजे, जिनसे उनके मोबाइल नंबर और उनके निवास स्थान की जानकारी मिली। इसी निवास पर नोटिस भेजकर परीक्षार्थियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
ईओयू (EOU) द्वारा परीक्षार्थियों और साथ ही उनके अभिभावकों से सॉल्वर गिरोह के साथ उनके संबंधों के बारे में पूछताछ की जाएगी। उनसे यह भी पूछा जाएगा कि उनके रोल-कोड सॉल्वर गिरोह तक आखिर कैसे पहुंचे? क्या उन्होंने कभी उनसे संपर्क किया था?
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नीट परीक्षा का घटनाक्रम
5 मई को नीट परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें 24 लाख परीक्षार्थी परीक्षा में बैठे थे। उसके बाद पेपर लीक होने की खबरों ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया। लेकिन 6 मई को एनटीए ने पेपर लीक की खबरों से साफ इनकार कर दिया। 8 मई को राजस्थान, दिल्ली और बिहार में कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गयी। 17 मई को सुप्रीम कोर्ट में नीट के नतीजे पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की गयी जिसे खारिज कर दिया गया। 4 जून को नीट परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया जिसमें 67 उम्मीदवारों को टॉपर घोषित किया गया। 8 जून को प्राइवेट कोचिंग सेंटरों पर एनटीए ने सवाल खड़े किए।
इसके बाद ग्रेस मार्क्स पॉलिसी पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी। 11 जून को फिर सुप्रीम कोर्ट ने नीट काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। 13 जून को एनटीए ने ग्रेस मार्क्स से पास होने वाले 1563 परीक्षार्थियों की परीक्षा दोबारा कराने का बड़ा फैसला लिया। 14 जून सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने की याचिका पर कोई टिप्पणी नहीं की और अगली सुनवाई को 8 जुलाई तक बढ़ा दिया गया।