संवाददाता: Rupesh Kumar
बिहार: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जातिगत जनगणना पर बिहार सरकार को घेरते हुए कहा कि जो लोग जातिगत जनगणना करवा रहे हैं इनको समाज के बेहतरी से लेना-देना नहीं है। जातिगत जनगणना तो अंतिम दाव खेला गया है ताकि समाज के लोगों को जातियों में बांटकर एक बार फिर किसी तरह चुनाव की नैया पार लग जाएगा।
दरअसल समस्तीपुर के रोसड़ा में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार 18 सालों से सत्ता में हैं पर आज क्यों जातिगत जनगणना करवा रहे हैं? नीतीश कुमार को 18 सालों से याद नहीं आ रहा था? दूसरी, बात जातिगत जनगणना राज्य सरकार का विषय है ही नहीं। सरकार जातिगत जनगणना नहीं सर्वे करवा रही है। जनगणना तो केंद्र सरकार का विषय है।
सर्वे के रिजल्ट की मान्यता क्या होगी
प्रशांत किशोर ने समझाते हुए कहा कि सर्वे और जनगणना में आसमान जमीन का फर्क है। सर्वे का कोई लीगल एंटीटी नहीं है। सरकार ने इस बात को कभी स्पष्टता से नहीं बताया कि सर्वे का जो रिजल्ट आएगा उसकी मान्यता क्या होगी ? उसकी मान्यता तो कुछ है नहीं। राज्य सरकार सर्वे कभी भी करा सकती है मान लीजिए अगर लीगल एंटीटी मिल भी गई तो जातियों के जनगणना मात्र से लोगों की स्थिति सुधरेगी नहीं।
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गरीब और हैं पिछड़े
बिहार के 13 करोड़ लोग जनगणना के मुताबिक सबसे गरीब और पिछड़े हैं ये जानकारी सरकार के पास है इसे क्यों नहीं सुधारते। दलितों की जनगणना आजादी के बाद से हो रही है उसकी दशा आप क्यों नहीं सुधार रहे हैं। उनके लिए आपने क्या किया? मुसलमानों की जनगणना की हुई है उनकी हालत सुधर क्यों नहीं रही है? बिहार में आज दलितों के बाद मुसलमानों की हालत सबसे खराब है पर कोई इस पर बात नहीं कर रहा है ।
अपील करता हूं कि
जनगणना कराने और उसके विरोध करने वाले लोगों से मैं अपील करता हूं कि समाज में कोई वर्ग सही मायने में पीछे छूट गया है और उसकी संख्या ज्यादा है और सरकार सर्वे करवा रही है तो करवाने दीजिए। बिहार की सरकार जनता को उलझा रही है कि आधे लोग लाग जाए जनगणना के पक्ष में और आधे लोग लग जाएं जनगणना के विपक्ष में। इसके बाद कोई इसकी चर्चा न करे कि बिहार में पढ़ाई हो रही है की नहीं, रोजगार मिल रहे हैं की नहीं। सब एक बार जाति में आग लगाकर अपनी रोटी सेंक कर फिर से एक बार मुख्यमंत्री बन जाए।
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5 पंचायतों के 7 गावों में गए
प्रशांत किशोर 262 दिनों से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं। सोमवार को वे समस्तीपुर के राजकीय बुनियादी विद्यालय बंदहार से लेकर राजकीयकृत हाई स्कूल ग्राउंड चकवकहार तक गए। इस दौरान 9 किलोमीटर तक पदयात्रा कर 5 पंचायतों के 7 गावों में गए, जिसमें बंदहार, हासोपुर, सलीमपट्टी, रेवारा, रामनगर, रंजीतपुर, चकवाकहार गांव में लोगों से मिले। प्रशांत किशोर पैदल चल कर लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिला रहे हैं। बीते दिनों में प्रशांत किशोर 2500 किलोमीटर से अधिक पदयात्रा कर चुके हैं।