- सिविल अस्पताल में जांच कर रहे डॉक्टर ने ही की पीडि़त के बेटे से अभद्रता
- डॉक्टर पर शिकायत वापस लेने के दबाव का आरोप
लखनऊ संवाददाता- मोहम्मद कलीम
लखनऊ। सिविल अस्पताल में तैनात डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगा है। एक डॉक्टर ने मरीज से रूपए लेकर इलाज किया तो मामला उजागर होने पर अस्पताल प्रशासन ने जांच बैठा दी। वहीं मामले की जांच कर रहे डॉक्टर ने मरीज से अभद्रता की। यह आरोप लगाते हुए महिला मरीज के बेटे ने अस्पताल प्रशासन से शिकायत की है। जांच कर रहे डॉक्टर पर शिकायत वापस करने के दबाव का आरोप लगाया है। पीडि़त के मना करने पर डॉक्टर अभद्रता पर उतर आये और गाली-गलौज तक कर दी।
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इलाज के नाम पर पांच हजार रुपए की मांग
मरीज रीता सोनकर के गर्भाशय में गांठ थी। इलाज के लिए परिजनों ने सिविल अस्पताल में तैनात डॉक्टर को दिखाया था। आरोप है कि डॉक्टर ने इलाज के नाम पर पांच हजार रूपये की मांग की। रूपये देने के बाद ही सर्जरी की। इस पूरे मामले की मरीज ने शिकायत की। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में जांच समिति का गठन कर दिया।
डॉ0 पीड़ित से शिकायत वापस लेने का बना रहे दबाव
आरोप है कि जांच टीम इस मामले में शिकायत वापस लेने का मरीज पर दबाव बना रही है। मरीज ने जब शिकायत वापस लेने से मना किया तो उसके साथ अभद्रता की गई। मरीज के बेटे शेखर सोनकर ने बताया कि अस्पताल के एक डॉक्टर शुक्रवार को वार्ड में भर्ती मेरी मां से एक कागज पर साइन करने का दबाव बना रहे थे, लेकिन मेरी मां ने कहा कि मै आपके कहने पर साइन नहीं करूंगी। सुबह से मैने खाना नहीं खाया है। खाना खाने और पत्र को पढऩे के बाद ही साइन करूंगी। यह बात सुनकर डॉक्टर भड़क गये और अभद्रता करने लगे। साथ ही यह भी कहा कि अभी अभद्रता देखी कहां तुम लोगों ने।
इस दौरान वहां मौजूद सिस्टर इंचार्ज से भी डॉक्टर ने अभद्रता की। पूरा मामला अस्पताल की सीसीटीवी में कैद हुआ है। इस पूरे मामले में अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि डॉक्टर की तरफ से कोई अभद्रता नहीं की गई है। मरीज से हमारी बात हुई है। उनसे कहा गया है कि आप पर कोई दबाव नहीं है। आप जो भी लिखकर देना चाहें वह लिखकर दे सकते हैं।