Paralysis : लकवा आज के समय में सबसे गंम्भीर बीमारी हो गई है। इको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि आखिर लकवा बिमारी का कैसे पता चलता है और इसका क्या असर होता है। जबकि ये एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में पहले से कुछ पता नहीं चलता है और एक दम से व्यक्ति के शरीर का अंग अचानक से काम करना बंद कर देता है। बता दें कि जब किसी व्यक्ति को लकवा मराता है, तो उसकी स्थिति बहुत गंम्भीर हो जाती है। उस व्यक्ति के लिए उठना बैठना तक कठिन हो जाता है।
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कारण –
लकवा जब किसी व्यक्ति को मराता है, तो उसके मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त आपूर्ति रुक जाती है। या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास की जगह में खून भर जाता है। जिस कारण व्यक्ति को लकवा मार देता है साथ ही व्यक्ति का अंग काम करना बंद कर देता है ।
जब भी किसी व्यक्ति को लकवा मराता है तो उसके 2 कारण होते है। एक विटामिन बि 12 के कमी से व मस्तिष्क में रक्त का श्राव रूक जाने के कारण होता है।
लकवा के लक्षण
बता दें कि लकवा मारने का शुरूवाती लक्षण मांसपेशियों में कमजोरी, मुंह से लार आना, सिर दर्द, सोचने-समझने की क्षमता में कमी इत्यादि है लकवा मारने के कारण में रीढ की हड्डी में चोट या नुकसान, पोलियो, स्ट्रोक, ट्रामा इत्यादि हो सकते हैं। साथ ही शरीर के अंग पूर्ण रूप से काम करना बंद कर देता है। आज के समय में ये सबसे जानलेवा बीमारी बन गयी है। क्योंकि जिस व्यक्ति को ये मरता है उनका शरीर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है व बहुत से ऐसे केश आए है जिसमें व्यक्ति का याददाश्त भी चली जाती है।
अपनाए आयुर्वेदिक उपचार, आहार
बता दें कि लकवा मारे व्यक्ति को अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सहजन, पत्ता गोभी और ब्रोकोली का सेवन करना ,व फलों में अनार, फालसा, अंगूर, हल्दी, सेब, पपीता, संतरा, चेरी और तरबूजा का सेवन करना चाहिए। और जिस भी मरीज को लकवा मारा है उसके लिए आयुर्वेदिक उपचार सबसे उत्तम है क्योंकि मरीज कि इसमे तेल से मालिस, पसीना निकलाना ,नॉक में औषधी डालना आदि प्रक्रिया कि जाती है। जिससे मरीज अपने आप को बहुत जल्दी कवर कर पाता है और उसकी स्थिति में भी पहले से बहुत सुधार आता है।