Indian Navy: समुद्री लुटेरों की डकैती फेल करने में एक बार फिर से भारतीय नौसेना ने अपना जलवा बरकरार रखा है. बीते दिनों भारतीय नौसेना ने अरब सागर में हाईजेक किए गए ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज अल-कंबर 786 और उसके 23 सदस्यीय पाकिस्तानी चालक दल को सुरक्षित बचाया है. 12 घंटे से भी अधिक समय तक चले ऑपरेशन के बाद समुद्री लुटेरे आत्मसमर्पण के लिए मजबूर हो गए. इंडियन नेवी के इस कारनामे से ये पाकिस्तानी नाविक भी कायल हो गए और उन्होंने ‘इंडिया जिंदाबाद’ के नारे लगाए.
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चालक दल में 23 पाकिस्तानी नागरिक थे
दरअसल, जिस ईरानी जहाज को बीते दिनों हाईजैक किया गया था,उनके चालक दल में 23 पाकिस्तानी नागरिक थे. जिनको भारतीय नौसेना ने सुरक्षित बचाया.भारतीय नौसेना ने बहुत ही बहादुरी से 29 मार्च को सभी 23 पाकिस्तानियों को छुड़ाने के साथ-साथ 9 समुद्री लुटेरों को आत्मसमपर्ण के लिए मजबूर कर दिया था. जिसके चलते पाकिस्तानी नाविक भारतीय नौसेना के कायल हो गए.
नौसेना ने ऑपरेशन से जुड़ा वीडियो किया शेयर
आपको बता दे कि नौसेना ने इस ऑपरेशन से जुड़ा वीडियो शेयर किया है, जिसमें ये पाकिस्तानी नाविक इंडियन नेवी का शुक्रिया अदा करते और ‘इंडिया जिंदाबाद’ के नारे लगाते दिख रहे हैं. घटना के समय मछली पकड़ने वाला जहाज सोकोट्रा के यमनी द्वीप से लगभग 90 एनएम दक्षिण पश्चिम में था, जो अदन की खाड़ी के पास उत्तर पश्चिम हिंद महासागर में है.
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समुद्री लूटेरों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई
नौसेना के प्रवक्ता द्वारा साझा किए गए एक बयान के अनुसार, भारतीय नौसेना की विशेषज्ञ टीम मछली पकड़ने वाले जहाज ‘अल-कंबर’ की सभी जांच पूरी कर चुकी है. इसमें कहा गया, ‘मछली पकड़ने की गतिविधियों को जारी रखने के लिए पोत को मंजूरी देने से पहले चालक दल में शामिल 23 पाकिस्तानी नागरिकों की गहन चिकित्सा जांच की गई.’ नौसेना इसके साथ ही इन सभी 9 समुद्री लुटेरों को भारत लेकर आ रही. इनके खिलाफ समुद्री लूट रोधी अधिनियम, 2022 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
भारतीय नौसेना पहले भी ऐसा कारनामा कर चुकी
भारतीय नौसेना की इस कामयाबी की हर ओर सराहना हो रही है. इससे पहले भी भारतीय नौसेना ऐसा ही कारनामा कर चुकी है. दो सप्ताह पहले नौसेना एक अन्य जहाज ‘रुएन’ और 17 बंधकों को बचाया था तथा लगभग 40 घंटे तक चले अभियान में 35 सशस्त्र समुद्री लुटेरों को पकड़ लिया था. नौसेना के अधिकारियों ने कहा था कि भारतीय नौसेना की कड़ी कार्रवाई के परिणामस्वरूप रुएन पर मौजूद समुद्री लुटेरों ने 16 मार्च को आत्मसमर्पण कर दिया था.
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