Pakistan: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में जब एससीओ समिट के लिए अंतरराष्ट्रीय नेताओं का जमावड़ा लग रहा है, वहीं लाहौर में छात्र सड़कों पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन लाहौर (Lahore) के एक कॉलेज में छात्रा के कथित रेप की घटना के विरोध में हो रहा है. मंगलवार को बड़ी संख्या में छात्रों ने पंजाब प्रांत की नेशनल असेंबली के बाहर प्रदर्शन किया. छात्रों की मांग है कि इस घटना, महिला कॉलेजों में बढ़ते उत्पीड़न और हाल ही में छात्राओं के खिलाफ हुई हिंसा की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन किया जाए. छात्रों ने स्पष्ट किया है कि इस समिति में स्वतंत्र मानवाधिकार निकायों के सदस्य, छात्र प्रतिनिधि और न्यायाधीश शामिल हों ताकि निष्पक्ष जांच हो सके और पीड़िता को न्याय मिल सके.
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लाहौर से अन्य शहरों तक फैला आंदोलन
बताते चले कि लाहौर (Lahore) के कॉलेज में हुई इस घटना को लेकर शुरू हुआ विरोध अब पंजाब प्रांत के अन्य शहरों में भी फैल गया है. मुल्तान, वेहारी, जफरवाल, जहानिया और फैसलाबाद सहित कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हुए हैं. विरोध की लहर तब तेज हुई जब सोशल मीडिया पर खबरें आईं कि लाहौर के गुलबर्ग गर्ल्स कॉलेज की एक छात्रा का कॉलेज के बेसमेंट में सुरक्षा गार्ड द्वारा कथित रूप से रेप किया गया है.
पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है, लेकिन पूछताछ के दौरान उसने सभी आरोपों से इनकार किया है. वहीं, पंजाब प्रांत की सूचना मंत्री उज्मा बुखारी (Uzma Bukhari) ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कॉलेज परिसर में रेप की कोई घटना नहीं हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि लाहौर और पंजाब को बदनाम करने के लिए “झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं.”
छात्रों की मांगें और बढ़ती नाराजगी
इस बीच, लाहौर (Lahore) में प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स कलेक्टिव (Progressive Students Collective) के बैनर तले शहर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने एक रैली निकाली. छात्रों ने जोर दिया कि उत्पीड़न के खिलाफ कानूनों और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए और इन विषयों को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए. छात्रों का कहना है कि कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में महिला सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. मुल्तान में पंजाब कॉलेज के छात्रों द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे कई छात्रों को हिरासत में लिया गया. वहीं, जफरवाल में प्रदर्शनकारी छात्रों ने मुख्य जीटी रोड पर टायर जलाकर यातायात अवरुद्ध कर दिया.
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पुलिस और प्रशासन पर लगे आरोप
सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में कम से कम 28 छात्र-छात्राएं घायल हो गए थे. छात्रों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन घटना की सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहा है और परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग को जानबूझकर डिलीट कर दिया गया है, ताकि सच्चाई सामने न आ सके. छात्रों का आंदोलन अब केवल लाहौर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे पंजाब प्रांत (Punjab Province) में इसका असर दिख रहा है. प्रशासन और पुलिस की कार्यवाही पर उठाए जा रहे सवालों ने इसे और गंभीर बना दिया है.
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