लोकसभा चुनाव 2024: आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी की नजरें बनी हुई हैं कि कौन कितना दांव मारेगा यह तो अभी तय नहीं किया जा सकता मगर चुनाव को लेकर जोरशोर की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बता दे कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी से सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी हैं और अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वहीं अगर देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति की सबसे बड़ी अहमियत होती है, क्योंकि यूपी में बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक यानि की 80 सीटें हैं।
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जानें विनोद सोनकर का जीवन
कौशांबी के विनोद कुमार सोनकर एक भारतीय राजनीतिज्ञ, भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। उनका जन्म 18 फरवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में स्थित सदियापुर में श्री अमर नाथ सोनकर और श्रीमती चंपा देवी के घर हुआ था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित सदियापुर में हुआ था। वहीं अगर बात करें शिक्षा और करियर की तो विनोद सोनकर ने अपनी स्नातक की पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की। उन्होंने 22 मई 2002 को संगीता सोनकर से शादी की थी। बताते चले विनोद कुमार सोनकर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और कौशम्बी निर्वाचन क्षेत्र से 2014 के आम चुनाव जीत चुके हैं। वह नैतिकता पर लोकसभा संसदीय समिति के वर्तमान अध्यक्ष भी हैं।
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विनोद सोनकर का राजनीतिक करियर
- मई, 2014: कौशाम्बी निर्वाचन क्षेत्र के लिए एसपी के शैलेंद्र कुमार को पराजित करने के बाद विनोद कुमार सोनकर 16 वीं लोक सभा के लिए चुने गए थे।
- 1 सितंबर 2014 : सदस्य, वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति; सदस्य, सलाहकार समिति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत परामर्श समिति के सदस्य नियुक्त किए गए।
- 30 जुलाई. 2017 : उपाध्यक्ष भाजपा उत्तर प्रदेश इकाई (जुलाई 2019 तक)
- 10 अक्टूबर 2017 : आगे राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा (एससी मोर्चा) (अक्टूबर 2020 तक)
- 29 दिसम्बर 2017 : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के न्यायालय के सदस्य चुने गए।
- मई 2019: 17वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए
- 09 अक्टूबर 2019 : से आगे आचार समिति के अध्यक्ष
- अक्टूबर 2020 : राष्ट्रीय सचिव भाजपा
- नवंबर 2020 : प्रभारी त्रिपुरा भाजपा
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विनोद कुमार सोनकर कब रहे सुर्खियों में…
भारतीय जनता पार्टी के सदस्य और त्रिपुरा राज्य के ‘प्रभारी’ (पर्यवेक्षक) विनोद कुमार सोनकर ज्यादा सुर्खियों में नहीं रहते हैं लेकिन उनके काम की तारीफें हमेशा चर्चाओं में देखने को मिलती हैं। विनोद कुमार सोनकर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और कौशांबी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय आम चुनाव, 2014 जीते हैं। कौशांबी से बीजेपी सांसद का दावा है कि इस क्षेत्र की हमने पहले 2017 में तीन सीटें जीती थीं और अब वह 2022 में भी तीनों सीटें जीत रही हैं।
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क्षेत्र का चार बार हुआ परिसीमन
आजादी के बाद से इस क्षेत्र का चार बार परिसीमन हो चुका है। वर्ष 1952 के पहले लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र के लोग इलाहाबाद ईष्ट कम जौनपुर वेस्ट संसदीय सीट के लिए वोट करते थे। पांच साल बाद हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में यह क्षेत्र फूलपुर संसदीय सीट में शामिल हो गया। फिर 1962 में ही लोकसभा सीट चायल (सुरक्षित) वजूद में आ गई। उस वक्त का इलाहाबाद जोकि अब का प्रयागराज है जिसका शहर पश्चिमी व फतेहपुर जनपद की खागा विधानसभा के साथ ही जिले की मंझनपुर, चायल और सिराथू समेत पांच विधानसभाएं शामिल थी। 47 साल बाद एक बार फिर परिसीमन में सीट बदल गई।
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2009 के 15वें लोकसभा चुनाव में चायल (सुरक्षित) में शामिल रही इलाहाबाद और फतेहपुर जनपद की दोनों विधानसभाओं को काटकर प्रतापगढ़ के कुंडा और बाबागंज को जोड़ दी गई। इसका नाम कौशाम्बी (सुरक्षित) संसदीय कर दिया गया। इस सीट पर हुए पहले चुनाव में सपा के शैलेंद्र कुमार सांसद निर्वाचित हुए। जबकि 2014 में भाजपा के विनोद सोनकर विजयी हुए। बड़े नेताओं की जनसभाएं कौशाम्बी में लगती हैं। जबकि दो विधानसभा क्षेत्र के मतदाता दूसरे जिले में होते हैं। कुंडा और बाबागंज विधानसभा की दूरी अधिक होने के कारण प्रत्याशियों को प्रचार में काफी दिक्कत होती है।