लखनऊ संवाददाता – विवेक
लखनऊ : आज विश्व पशुजन्य रोग दिवस (World Zoonoses Day) के अवसर पर बलरामपुर चिकित्सालय लखनऊ के ओपीडी में भूतल पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें डॉक्टर विष्णु कुमार वरिष्ठ परामर्शदाता एवं फिजिशियन के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयीं। उनके द्वारा बताया गया कि मानव और पशु दोनों के स्वास्थ्य पर ज़ूनोटिक रोगों से पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 6 जुलाई को विश्व ज़ूनोसिस दिवस मनाया जाता है।
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लुई पाश्चर की वजह से इस दिन विश्व ज़ूनोसिस दिवस मानते है
फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुई पाश्चर की सफलता का सम्मान करने के लिए हर साल इस दिन विश्व ज़ूनोसिस दिवस मनाया जाता है, जिन्होंने जूनोटिक बीमारी (रेबीज) के खिलाफ पहला टीका छोटे लड़के जोसेफ मिस्टर को 6 जुलाई 1885 को दिया था, जिसे एक पागल कुत्ते ने काट लिया था। यह उन संक्रामक रोगों को संदर्भित करता है जो जानवरों से मनुष्यों में फैल सकते हैं। जो की डायरेक्ट कांटेक्ट में आने से, संक्रमित पशुओं के मांस एवं दूध के सेवन से, उनके द्वारा विसर्जित मल मूत्र से संक्रमित सब्जियो, फलों आदि के सेवन से तथा संक्रमित पशुओं से वेक्टर ( मच्छरों, मक्खियों आदि) द्वारा मनुष्यों में फैलती हैं।
इस वर्ष 2023 की थीम भविष्य में COVID-19 जैसी महामारी को रोकने के लिए जूनोटिक ट्रांसमिशन की श्रृंखला को तोड़ने की तात्कालिकता पर जोर देती है। व्यक्तिगत और सरकारी दोनों स्तरों पर जागरूकता बढ़ाने और निवारक कार्रवाई करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
कई रोगों पर हुई चर्चा
इस अवसर पर उनके द्वारा कुछ महत्वपूर्ण ज़ूनोटिक रोग जैसे रेबीज, लेप्टोस्पायरोसिस, जेपनीस एनसेफेलिटिस आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की। मानव-पशु-पर्यावरण इंटरफेस पर सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों को समझने और प्रबंधित करने और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में सुधार के लिए क्रॉस-सेक्टोरल सहयोग के महत्व के बारे भी जानकारी दी।
उनके द्वारा इसके बचाव के साथ ही रेबीज के प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस एवं पोस्ट एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस के बारे भी बताया। इन रोगों के बचाव में प्रमुख रूप से पशु आवास क्षेत्रों को मानव आबादी से दूर सुव्यवस्थित एवं स्वच्छ रखें। मूत्र और मल के संचय से बचें तथा सही से निस्तारण सुनिश्चित करें ।
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पानी आदि को खुला रखने एवं जल भराव होने से रोकें ..
साफ-सुथरे कमरों में क्षैतिज या जूनोटिक स्थानांतरण की संभावना कम होती है। उचित वेंटिलेशन जानवरों और मनुष्यों की सुरक्षा करता है। हाथों की सफाई पर बहुत ज़ोर दिया एवं खाने से पहले अच्छी तरह से सफाई पर ध्यान देने को कहा तथा नंगे पैर पशुओं के संपर्क में आने से बचने के लिए बताया गया सब्जियों, फलों आदि को अच्छी तरह से धुलकर एवं पका कर खाने पर जोर दिया तथा पके हुए भोजन को ढककर रखने को कहा।
ये रहे गोष्ठी में मौजूद
गोष्ठी निदेशक एवं प्रमुख चिकित्सक डॉ ए के सिंह के निर्देशन में आयोजित कराई गयी। जिसमे मुख्या चिकित्सा अधीक्षक डॉ अतुल मेहरोत्रा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिमांशु चतुर्वेदी तथा अन्य चिकित्सक, अधिकारी कर्मचारी के साथ साथ आम जनमानस की उपस्थिति रही।