Caste Census Politics: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले जातीय जनगणना को लेकर सियासी शोर शुरु हो गया हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दल भाजपा पर जातीय जनगणना को लेकर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
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सपा, जातीय जनगणना के पक्ष में
आपको बता दे कि देश में कई ऐसे दल हैं जो जातीय जनगणना के पक्ष में हैं। जिनमें सपा, एक हैं। सपा पूरी तरह से जातीय जनगणना के पक्ष में होने की बात कह रही हैं और लगातार भाजपा पर निशाना साधे हुए हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने जातीय जनगणना के बारें में बोलते हुए कहा कि हमारी समाजवादी पार्टी जातीय जनगणना के पक्ष में है और साथ ही सरकार में जो पिछड़े वर्ग के मंत्री हैं, वह जातीय जनगणना को लेकर अपना मत स्पष्ट करें।
आराधना मिश्रा मोना ने यूपी सरकार पर उठाए सवाल
कांग्रेस पार्टी की नेता आराधना मिश्रा मोना ने भी जातीय जनगणना को लेकर सवाल उठाए और कहा कि यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य खुद जातीय जनगणना कराने के पक्ष में हैं। वो तो चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो, लेकिन उनकी पार्टी बीजेपी ऐसा नहीं करना चाहती है। साथ ही उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि सरकार जातीय जनगणना से क्यों भाग रही है।
भाजपा की यूपी सरकार पर हमला किया
जिसके बाद उन्होंने भाजपा की यूपी सरकार पर हमला किया। इसके साथ ही उन्होंने यूपी सरकार से सवाल पूछते हुए बिहार के जातीय जनगणना के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि जब बिहार में जातीय जनगणना हो सकती हैं, तो यूपी में ये क्यों नहीं हो सकता हैं। आखिर यूपी में जातीय जनगणना होने में क्या दिक्कत हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यूपी में भी जातीय जनगणना होनी चाहिए और सबको समान अधिकार मिलना चाहिए।
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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया
बता दे कि विपक्ष के लगातार तीखे हमलों पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया हैं। साथ ही उन्होंने जाति जनगणना के बारें में बताते हुए कहा कि हमारी सरकार जाति जनगणना के खिलाफ नहीं है। इसके बाद उन्होंने सपा, बसपा, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए इनमें से कभी भी पिछड़े वर्ग के साथ कोई न्याय नहीं किया। उन्होंने कभी उन्हें उनका हक नहीं दिया।