Budget 2024: आज संसद में आम बजट (Budget) को लेकर विपक्ष का विरोध चरम पर पहुंच गया है। दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में भारी हंगामा और नारेबाजी देखने को मिल रही है। हंगामे के बाद विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट भी कर लिया है। सदन के बाहर भी विपक्ष द्वारा प्रदर्शन जारी है, जो बजट को लेकर गहरी निराशा और असंतोष को दर्शाता है। वहीं राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि इस बजट में दो राज्यों को छोड़कर किसी भी अन्य राज्यों को कुछ नहीं मिला है।
Read more: Budget 2024: संसद के मानसून सत्र में बजट पर हंगामा, विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
बजट पर विपक्ष का आरोप
विपक्ष का आरोप है कि बजट का उद्देश्य केवल गठबंधन को बचाने के लिए है और गैर-भाजपा शासित राज्यों को इसमें कोई खास राहत नहीं दी गई है। कांग्रेस ने इस बजट को राज्यों के साथ भेदभावपूर्ण बताया है और कहा है कि केवल दो राज्यों को ही विशेष ध्यान दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बजट की तीखी आलोचना की और इसे सत्ता के लिए केवल एक चाल करार दिया। उनका कहना है, “इस बजट में दो राज्यों को छोड़कर किसी को कुछ नहीं मिला। यह बजट केवल कुर्सी बचाने का प्रयास है।”
Read more: New Tax Regime से टैक्सपेयर्स को मिलेगी राहत, 7 लाख तक की आय पर केवल 5% टैक्स
वित्त मंत्री का जवाब
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा, “हर बजट में देश के हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं है। कैबिनेट ने वडवन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था, लेकिन बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र को नजरअंदाज किया गया? विपक्ष जानबूझकर लोगों को यह आभास देना चाहता है कि हमारे राज्यों को कुछ नहीं मिला। यह आरोप पूरी तरह से निराधार और अपमानजनक है।”
राज्यसभा में हंगामा और वॉकआउट
राज्यसभा में बजट पर चल रही चर्चा के दौरान विपक्ष ने भारी हंगामा किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष का व्यवहार लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने बताया कि बजट पर चर्चा के दौरान व्यवधान और अशांति को राजनीतिक रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया गया है, जो लोकतंत्र को गंभीर खतरे में डाल सकता है।
विपक्ष का प्रदर्शन और सरकार की प्रतिक्रिया
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान भी भारी हंगामा देखा गया। विपक्ष का कहना है कि इस बजट से केवल भाजपा शासित राज्यों को फायदा हुआ है और अन्य राज्यों की समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है। सरकार का कहना है कि बजट में सभी राज्यों को ध्यान में रखा गया है और किसी को भी भेदभाव का शिकार नहीं बनाया गया है। विपक्ष का यह विरोध और हंगामा बजट की वास्तविकता और इसके प्रभाव की ओर इशारा करता है। यह महत्वपूर्ण है कि बजट को लेकर विभिन्न दलों की आपत्तियों और आशंकाओं को गंभीरता से लिया जाए।
हालांकि, संसद में हंगामा और वॉकआउट केवल राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं, बजट की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि सरकार विपक्ष की चिंताओं का जवाब दे और यह सुनिश्चित करे कि सभी क्षेत्रों और राज्यों को उचित ध्यान और संसाधन मिलें।