Bharat Jodo Nyay Yatra: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में भारत जोड़ो न्याय यात्रा बीते दिन यूपी के अमेठी पहुंती. यहां पहुंचने पर राहुल गांधी ने मणिपुर से लेकर बेरोजगारी, महंगाई और जीएसटी को लेकर भाजपा पर करारे प्रहार किए. लेकिन बीते दिन यात्रा राहुल गांधी के लिए कुछ खास नहीं रही. अमेठी के गांधी चौक पहुंचने पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जमकर उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही ‘राहुल गो बैक’ के नारे लगाए.
Read more: समाजवादी पार्टी ने UP में कांग्रेस को दिया 17 सीटों का ऑफर..
राहुल गांधी के खिलाफ खूब नारेबाजी हुई
बता दे कि राहुल गांधी ने अमेठी पहुंच कर कहा कि हमने एक साल पहले यात्रा निकाली थी, हमारा लक्ष्य भारत को जोड़ने का था. हमारी यात्रा में बहुत सारे लोग आए, जिसमें किसानों से लेकर गरीब तक शामिल थे. अमेठी के लोगों ने कहा था कि आपकी यात्रा अमेठी नहीं आई तो हमने अमेठी आने के लिए दूसरी यात्रा निकाली. दूसरी ओर भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ खूब नारेबाजी हो रही थी. लेकिन पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को 30 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी की यात्रा पर तंज कसा
वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी की यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी राहुल गांधी की यात्रा में हिस्सा नहीं लिया. सूनी सड़कों ने उनका स्वागत किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिसे खुद सहारे की जरुरत है, वो दूसरे का सहारा कैसे बनेगा. आगे उन्होंने बिना नाम लिए हुए अमेठी के लोग गुस्से में हैं क्योंकि अमेठी के एक पूर्व सांसद ने वायनाड से अमेठी के लोगों को समझने का बयान दिया था. अमेठी के लोगों में गुस्सा है क्योंकि अमेठी के पूर्व सांसद ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इनकार कर दिया.
‘अमेठी की खाली सड़कों ने उनका स्वागत किया’
इसकी कड़ी में उन्होंने आगे कहा कि आज अमेठी की खाली सड़कों ने उनका स्वागत किया है. ऐसे में वह प्रतापगढ़ से लोगों को ढोकर अमेठी लाए. स्मृति ईरानी ने कहा कि जो लोग अमेठी को सत्ता का केंद्र मानते थे, जब वे गाजे-बाजे के साथ आए तो अमेठी के लोग उनके स्वागत के लिए नहीं पहुंचे और उन्हें प्रतापगढ़, सुल्तानपुर से लोग लाने पड़े. लोग ये नहीं भूले कि इसी व्यक्ति ने वायनाड में उत्तर भारत और विशेषकर अमेठी के बारे में कहा था कि यहां के लोगों की समझ ठीक नहीं है, तब से लेकर अब तक लोग आक्रोशित हैं. माहौल ऐसा है कि रायबरेली की सीट भी परिवार ने छोड़ दी.