ONDC: जब भी ऑनलाइन शॉपिंग का बात होती है, तो दिमाग में फट से अमेजन, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा जैसे ऐप के नाम दिमाग में आते है। वजह है इन शॉपिंग ऐप की बेहतर सुविधा और एडवर्टाइजमेंट। जिसकी तरफ ग्राहक आकर्षित होते जा रहे है। सबसे खास वजह यही है कि ग्राहक एडवर्टाइजमेंट को देख कर लोग उस ऐप की तरफ खींचे चले जाते है। लेकिन भारत सरकार ने ई-कॉमर्स के क्षेत्र में हलचल लाने और इन बड़ी कंपनियों के दबदबे को खत्म करने के लिए ONDC की शुरुआत की है।
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जानें क्या है ये ONDC?
भारत सरकार ने ONDC की शुरुआत तो कर दी, लेकिन ये ONDC है क्या? आपको बता दे कि ONDC से मतलब ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स है। जिसका मतलब एक ऐसा नेटवर्क जहां भारत का छोटे से छोटा कारोबारी अपना सामान डिजिटली बेच सके और इसके बदले आपको बहुत कम कमीशन चुकाना होगा। ये प्लेटफार्म सेलर्स, बायर्स और डिलीवरी पार्टनर को जोड़ने का काम करता है. ONDC एक नॉन प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन है जिसका मकसद भारत के छोटे कारोबारियों को अमेजन और फ्ल्पकार्ट के दबदबे से बचाना और उन्हें मजबूती प्रदान करना है। ONDC में रजिस्ट्रेशन एकदम फ्री है हालांकि आर्डर पर आपसे कुछ प्लेटफार्म चार्ज लिया जाता है जो अमेजन और फ्लिपकार्ट से कम है।
आखिर क्यों पड़ी ONDCकी जरुरत ?
अब सभी के मन में ये सवाल होगा कि आखिर इसकी शुरुआत करने की क्या जरुरत पड़ गई। इसको शुरुआत करने की पीछे की वजह यह है कि भारत का ई-कॉमर्स मार्केट लगातार बढ़ रहा है और 2030 तक भारत की कुल पापुलेशन में से एक तिहाही के ऑनलाइन शॉपिंग करने का अनुमान है। इससे अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी विदेशी कंपनियों को फायदा होगा और ये सारा प्रॉफिट अपने साथ ले जाएंगी। समय के साथ-साथ जैसे ये सेक्टर बढ़ेगा वैसे-वैसे प्रॉफिट बढ़ेगा और ये देश की इकॉनमी के लिए फिर खतरनाक साबित हो सकता है। इसके अलावा, अमेजन और फ्लिपकार्ट की वजह से भारत के छोटे कारोबारियों को काम करने में परेशानी हो रही है क्योकि आजकल लोग ऑनलाइन सामान खरीद रहे हैं और इससे ऑफलाइन वाले दुकानदारों को नुकसान हो रहा है। अगर दुकानदार ऑनलाइन भी इन कंपनियों के साथ जुड़ता है तो उनसे भारी कमीशन लिया जाता है।
ऑनलाइन शॉपिंग के साथ होगा टक्कर
वहीं लोगों के टेस्ट और डिमांड का डेटा होने की वजह से ये कंपनियां अपने खुद के प्रोडक्ट भी बेचने लगी हैं। साथ ही इन प्रोडक्ट्स को कंपनियां टॉप पर दिखाती हैं और रेटिंग भी कंपनियों के हाथ में होती है। इससे सामान के कॉस्ट में फर्क आता है क्योकि आम सेलर्स सामान को एक चेन के तहत खरीदता है जबकि ई-कॉमर्स कंपनियां सीधे उस सामान को बेचती हैं जिससे प्रोडक्ट की कॉस्ट कम हो जाती है। हालांकि भारत सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए इन्वेंटरी मॉडल पर रोक लगा दी है। लेकिन ये कंपनियां किसी न किसी तरह अपने काम को अंजाम देती है और ज्यादा लाभ कमाती हैं।
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अलग-अलग शॉपिंग ऐप्स रखने की जरूरत नहीं
इससे अब ये बात साफ है कि ONDC आने के बाद से अलग-अलग शॉपिंग ऐप्स रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक ही वेबसाइट या UPI ऐप (Paytm) से ONDC को एक्सेस कर सकते हैं। जहां से आप जिस भी सामान को खरीदना चाहते हैं उसे देख सकते हैं। ONDC में आपको अमेजन, फ्लिपकार्ट समेत छोटे दुकानदारों के भी प्रोडक्ट और रेट दिखेंगे, आप सब कुछ कंपेयर करने के बाद इन्हें सीधे यहां से खरीद पाएंगे। इस प्लेटफार्म का फायदा ये है कि इससे एक छोटा दुकानदार भी अपना सामान दूर बैठे ग्राहक को बेच सकता है। ONDC में रजिस्ट्रेशन एकदम फ्री है। अमेजन और फ्लिपकार्ट के मुकाबले यहां आपको हर प्रोडक्ट के दाम में कमी मिलेगी और अगर आइटम आपके घर के आस-पास बन रहा है तो इसकी फास्ट डिलीवरी भी होगी। ONDC को UPI की तरह ही एक क्रांति बताया जा रहा है जो आने वाले समय में एक बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है।