WFI: पेरिस ओलंपिक को शुरू होने में बहुत कम समय बाकी है. ऐसे में भारतीय कुश्ती महासंघ में एक बार फिर से महासंग्राम देखेने को मिल रहा है. पहलवान बजरंग पुनिया ने आगामी नेशनल ट्रायल में भाग लेने के लिए मना कर दिया है. उन्होंने नेशनल ट्रायल में भाग लेने के न्योता को ठुकराते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. बजरंग पुनिया ने आपात संयुक्त याचिका दायर करके 10 और 11 मार्च को डब्ल्यूएफआई द्वारा आयोजित चयन ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है.
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इन लोगों ने ली अदालत की शरण

न्यूज ऐजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार बजरंग पुनिया,विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने 28 फरवरी को अदलात की शरण ली थी. इस मामले की सुनवाई अब शुक्रवार को होगी. फिहाल बजरंग पुनिया ने दायर की गई याचिका की पुष्टि नहीं की है. लेकिन भारतीय कुश्ती पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए है.
क्या बोले बजरंग पुनिया?
आपको बता दे कि पिछले लगभग 2 महीने से बजरंग पुनिया रूस में अभ्यास कर रहे है. उन्होंने न्यूज ऐजेंसी से बात करते हुए कहा कि अगर ट्रायल संजय सिंह की अगुआई वाली डब्ल्यूएफआई करा रही है तो वह इसमें हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने कहा ,‘अगर मुझे ट्रायल में भाग नहीं लेना होता तो मैं अपने अभ्यास पर 30 लाख रुपये खर्च नहीं करता लेकिन निलंबित डब्ल्यूएफआई ट्रायल कैसे करा रहा है. सरकार इसे मंजूरी कैसे दे सकती है. मुझे समझ में नहीं आता कि भारत सरकार द्वारा निलंबित खेल ईकाई ट्रायल का ऐलान कैसे कर सकती है. सरकार क्यों चुप है. अगर तदर्थ समिति या सरकार ट्रायल कराएगी तो ही हम इसमें भाग लेंगे.’
संजय सिंह ने पहलवानों से किया अनुरोध

डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से अतीत को भुलाकर ट्रायल में भाग लेने के लिए कहा है. बजरंग पूनिया ने कहा कि वह अकेले नहीं बल्कि साक्षी मलिक और विनेश फोगाट भी ट्रायल में नहीं उतरेंगी. बकौल बजरंग,‘यह हमारा संयुक्त फैसला है. इसमें हम साथ हैं.’ साक्षी और विनेश से इस बारे में संपर्क नहीं हो सका है.
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