भारत में 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में सुशासन दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य सरकारी सेवा वितरण में सुधार और नागरिक-केंद्रित शासन पर ध्यान केंद्रित करना है। यह दिन विशेष रूप से वाजपेयी के योगदान को याद करने का अवसर है, जिन्होंने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण पहल कीं, जो भारतीय प्रशासन की प्रभावशीलता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में सहायक साबित हुईं।
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इतिहास और महत्व
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार कार्य किया और उनकी नीतियों ने भारतीय समाज और राजनीति पर गहरा प्रभाव डाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2014 में उनके जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में घोषित किया, ताकि उनकी विरासत को सम्मानित किया जा सके और उनकी नीतियों का पालन किया जा सके।वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण योजनाओं और पहलों की शुरुआत हुई, जिनका उद्देश्य विकास, आर्थिक सुधार और सार्वजनिक कल्याण था।
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना: किसानों के लिए सरल और सस्ती ऋण व्यवस्था।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़क परिवहन की सुविधा।
- सर्व शिक्षा अभियान: देशभर में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक अभियान।
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रम: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम।
- उन्हें 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
2024 समारोह की योजनाएँ
इस साल वाजपेयी की 100वीं जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे और कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें एक प्रमुख परियोजना केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना है, जो राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत भारत की पहली परियोजना है। इसका उद्देश्य मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना है, जिससे कृषि क्षेत्र को लाभ मिलेगा और दूरदराज के इलाकों का भी विकास होगा।इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी करेंगे, जो भारत के 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के अनुरूप एक महत्वपूर्ण पहल है।
सुशासन सप्ताह गतिविधियाँ
सुशासन दिवस से जुड़े सुशासन सप्ताह का आयोजन 19 से 25 दिसंबर तक किया जाता है। इस दौरान केंद्र सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाती है और सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुंचाने का प्रयास करती है।इस तरह, सुशासन दिवस न केवल अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को सम्मानित करने का अवसर है, बल्कि यह भारतीय शासन व्यवस्था को और भी सशक्त और नागरिकों के प्रति उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।