गाजियाबाद संवाददाता- Prveen Mishra
Uttar Pradesh: गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के अभय खंड इलाके में अपने पिता से नाराज होकर एक दसवीं में पढ़ने वाली छात्रा छत पर चढ़ गई और बिल्डिंग की चौथी मंजिल से आत्महत्या की कोशिश करने लगी । बिल्डिंग के उप्पर चढ़ी छात्रा जोर-जोर से चिल्लाने लगी जिसके बाद लोगो का ध्यान उसकी तरफ गया। सुसाइड के लिए चढ़ी छात्रा को देख लोगो में हड़कंप मच गया। आनन फानन में आसपास के लोगों ने पुलिस को बुलाया और घंटे तक यह ड्रामा चलता रहा । स्थानीय पुलिस और इलाके के एसीपी स्वतंत्र कुमार की पहल और समझाने के काफी प्रयासों के बाद बड़ी मुश्किल से वह नीचे उतरी ।
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लड़की अपने पिता से नाराज हो गई
तस्वीरो में बिल्डिंग की छत पर चढ़ी इस छात्रा को आप देख सकते हैं। वहीं इस छात्रों को समझने के प्रयास करते हुए पुलिस को को भी प्राप्त इन वीडियो में सुन सकते हैं। मिली जानकारी के अनुसार 10 वी क्लास में पढ़ने वाली यह लड़की अपने पिता से नाराज हो गई और चौथी मंजिल पर आत्महत्या करने के लिए चढ़ गई। लेकिन रक्षाबंधन के दिन इलाके के एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह उनके लिए भाई बनकर आए और उनके काफी समझाने और प्रयासों पर वह नीचे उतरी।
जाने पूरा मामला
आपको बता दे कि यह लड़की अभय खंड इलाके में रहती हैं और ट्यूशन जाने को लेकर के किसी बात को पिताजी ने डांट दिया। वह इस बात से नाराज हो गई और कहने लगी कि आप हमें डांटे रहते हो क्योंकि इस लड़की की माता जी का देहांत कुछ दिन पहले हो गया जिसकी वजह से भी वह परेशान थी और बच्चे अकेले रह रहे हैं । लेकिन पढ़ाई पर ध्यान देने को लेकर बच्ची के पिता ने उसको डांट दिया था, जिससे वह नाराज हो गई और पास की चार मंजिला इमारत पर चढ़ गई । देर तक यह पूरा घटनाक्रम चलता रहा। लोगो की भीड़ भी वहां इकट्ठा हो गई।
छात्रा जिद पर अड़ी रही
सभी ने काफी प्रयास किया और बच्ची को यहां से उतारने की कोशिश की। लेकिन बच्ची जिद पर अड़ी रही और बिल्डिंग की छत के किनारे पर खड़ी रही। तस्वीर में आप देख सकते हैं। अगर इसका बेलेंस बिगड़ जाता या घबराहट में बच्ची गलत तरीके से नीचे गिर जाती तो उसकी जान जा सकती थी। फिलहाल स्थानीय पुलिस और इलाके के एसीपी की कोशिश के बाद बच्ची को नीचे उतार लिया गया हैं। हालंकि बच्ची की तबियत भी इस दौरान बिगड़ गई। जिसे यहां से उतरने पर अस्पताल में एडमिट कराया गया हैं।
छात्रा की जान बच गई
गनीमत रहेगी यहां छात्र की जान बच गई नहीं तो अक्सर ऐसी घटनाओं में जान भी चली जाती है थोड़ी लापरवाही लोगों की जिंदगी भर भारी पड़ जाती है फिलहाल सभी लोग यह कह रहे हैं कि एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार के प्रयासों से वजह से इस बच्चे की जान बच गई। उन्होंने उसे रक्षाबंधन पर राखी बंधवाने और अपने भाई होने का भरोसा और उसे हर संभव मदद देने का भरोसा दिया गया जिसका नतीजा रहा की बच्ची का सुसाइड का ध्यान बदला और बच्ची को सकुशल नीचे उतारा जा सका।