Parliament Session 2024: भारतीय जनता पार्टी (NDA) ने ओम बिरला (OM Birla) को लोकसभा के स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। यह उनके लिए दूसरी बार होगा जब वे इस महत्वपूर्ण पद के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। वे कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी के.सुरेश (K.Suresh) से मुकाबला करेंगे। आज सुबह 11 बजे लोकसभा में अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग शुरू हुई थी। ध्वनि मत से ओम बिरला को स्पीकर चुना गया है।
यह पहली बार है जब पांच दशकों में यह मौका आया है कि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। पहली बार 1952 में जीवी मावलंकर और दूसरी बार 1976 में बीआर भगत का चुनाव हुआ था। इस बार ओम बिरला के पक्ष में 13 प्रस्ताव रखे जाएंगे, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहला प्रस्ताव देंगे। विपक्षी दलों और केंद्र सरकार के बीच तालमेल बनाने की कोशिश जारी रही, लेकिन सदन बैठक में अब तक उसमें सफलता नहीं मिली। यहां एनडीए के ओम बिरला और विपक्षी दल के उम्मीदवार के. सुरेश (K.Suresh) के बीच प्रतिस्पर्धा है। सांसद गौरव गोगोई ने भी यह दावा किया कि सत्ताधारी दल को अपना रवैया बदलने की जरूरत है।
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पीएम मोदी ने कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि यह सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर आसीन हो रहे हैं। मैं आपको और पूरे सदन को बधाई देता हूं। इसके बाद पीएम मोदी और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ओम बिरला को आसन तक लेकर गए। एनडीए (NDA) की ओर से ओम बिरला तो विपक्ष की ओर से के. सुरेश उम्मीदवार थे।
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विपक्ष का आरोप
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इस विवाद पर अपनी राय रखते हुए कहा कि इस चुनाव के पीछे सत्ता की लालसा और लोकतंत्र को कुचलने की मंशा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम परंपराओं और मानदंडों का पालन करते, तो बीजेपी को अध्यक्ष पद पर निर्विरोध मिलता, और कांग्रेस और भारत गठबंधन को उपाध्यक्ष पद मिलता। वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने उठाया मुद्दा कि परंपराओं का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्षी दलों का सम्मान करना चाहिए, लेकिन उन्हें इसमें सरकारी समर्थन नहीं मिला।
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ओम बिरला का राजनीतिक करियर
ओम बिरला वर्तमान में बीजेपी के सीनियर नेता हैं और 17वीं लोकसभा में भी स्पीकर के पद को संभाल चुके हैं। उन्होंने उस समय निर्विरोध चुनाव से जीत हासिल की थी। ओम बिरला की चुनावी क्षमता और लोकप्रियता ने उन्हें कोटा-बूंदी से तीसरी बार संसदीय सीट पर पहुंचाया है। उन्होंने पिछले चुनावों में विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों को परास्त कर अपने स्थापित किया है। ओम बिरला का जन्म 23 नवंबर 1962 को राजस्थान के कोटा शहर में हुआ था। ओम बिरला ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से एम.कॉम. की डिग्री हासिल की है।
उनका परिवार उन्हें उनके राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में समर्थन देता है। उनका राजनीतिक सफर साल 2003 से शुरू हुआ और उन्होंने उस समय से कोई चुनाव हारा नहीं है। उन्होंने विभिन्न चुनावों में विभिन्न सीटों से चुनाव लड़े और विजयी हुए हैं, जिससे उनकी राजनीतिक विदाई और प्रतिष्ठा मजबूत हुई है। इस प्रकार, ओम बिरला की निरंतर सफलता और उनकी राजनीतिक यात्रा ने उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उपलब्धि की दिशा में आगे बढ़ाया है।