Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग काफी सालों से चली आ रही है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 के मद्दे नजर देखते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग ने तेजी पकड़ ली है। जिसको लेकर बीते दिनों सरकार पर दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन भी किया जा चुका है, लेकिन क्या सरकार की तरफ से इसका होई हल नही निकल पाया है।
हालांकि सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि कई बार Old Pension Scheme को बहाल करने को लेकर पत्र मिल चुका है। लेकिन बार-बार सरकार ने ये साफ किया कि एक जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त किए गए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का भारत सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है, वही आरबीआई ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने को लेकर एक फिर से राज्य सरकारों को आगाह कर दिया है।
आरबीआई ने जारी कि रिपोर्ट
सोमवार को आरबीआई ने एक रिपोर्ट State Finances: A Study of Budgets of 2023-24′ जारी किया है। आरबीआई की जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि आंतरिक अनुमानों के मुताबिक अगर सभी राज्य ओपीएस (OPS) योजना बहाल करते है तो सरकार का वित्तीय बोझ एनपीएस (NPS) की तुलना में 4.5 गुना बढ़ जाएगा। ओपीएस (OPS) से साल 2060 तक सलाना अतिरिक्त बोझ जीडीपी (GDP) का 0.9% पहुंच जाएगा। उम्मीद जतायी जा रही है कि ओपीएस का अंतिम बैच 2040 के दशक के शुरु में रिटायर हो जाएगा औरप 2060 के दशक तक ओपीएस पेंशम मिलती रहेगी, हालांकि केंद्र सरकार ने साफ किया है कि उसके पास ओपीएस को बहाल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। ओपीएस को दिसंबर 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने खत्म कर दिया था। इसके बाद नेशनल पेंशन स्कीम लागू की गई थी जो एक अप्रैल, 2004 से प्रभावी है।
Read More: बेमतलब प्यार की ताकत बयां करने ‘डंकी’ का तीसरा गाना आया सामने
Read More: एलपीटी वाहन से घायल युवक के लिए दूत बनी यातायात पुलिस..
सरकार पर बढ़ेगा वित्तीय बोझ
ओल्ड पेंशन बहाल को लेकर आरबीआइ ने यह टिप्पणी 11 दिसंबर 2023 को राज्यों की वित्तीय स्थिति पर जारी सालाना रिपोर्ट में की है। राज्यों की वित्तीय स्थिति वर्ष 2022-23 और वर्ष 2023-24 में काफी मजबूत होती दिख रही है। अधिकांश राज्यों की सरकार के राज- कोषीय खजाने मजबूत हो रहे हैं और राजकोषीय घाटे को काबू में करने की इन्हें सफलता मिल रही है। जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ राज्यों में ओपीएस पेंशन बहाल कर दी गई है और कुछ दूसरे राज्यों में इसको बहाल करने के लिए तेजी से मांग चल रही। मांग को देखते हुए दूसरे राज्य भी ओपीएस को बहाल करने को सोंच रहे है।
अगर राज्य सरकार ओपीएस बहाल करती है तो इससे राज्यों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा और वे विकास कार्यों पर खर्च नहीं कर पाएंगे। इसलिए ओपीएस की बहाली पीछे जाने वाला कदम होगा। इससे पिछले सुधारों का फायदा खत्म हो जाएगा और भावी पीढ़ियों के हितों को चोट पहुंचेगी। राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने ओपीएस को बहाल किया है। ओपीएस में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50% तक निश्चित पेंशन मिलती है जबकि एनपीएस में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।