Amit Shah on West Bengal: बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से संबंधित बिल पर चर्चा करते हुए बताया कि,केंद्र सरकार ने केंद्रीय सहकारिता यूनिवर्सिटी का नाम त्रिभुवन भाई पटेल के नाम पर क्यों रखा।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारी यूनिवर्सिटी का नाम त्रिभुवन भाई पटेल के नाम पर रखकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की है साथ ही गृह मंत्री ने बताया कि,अब सिर्फ पश्चिम बंगाल बचा है जहां चुनाव बाद कमल खिलना बाकी है दिल्ली में भी अब कमल खिल चुका है।
लोकसभा में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से संबंधित बिल पर चर्चा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से संबंधित बिल पर चर्चा करते हुए बताया त्रिभुवन भाई पटेल वह व्यक्ति है जिनकी अगुवाई में 250 लीटर से शुरु हुआ सफर आज हमारे सामने अमूल के रुप में है।सदन में अमित शाह ने अमूल की नींव पड़ने का किस्सा भी सुनाया साथ ही मौजूदा समय में अमूल के टर्नओवर की भी चर्चा की।अमित शाह ने दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद दावा किया कि,आगामी वर्षों में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी कमल खिलेगा और आयुष्मान योजना का लाभ वहां भी लोगों को मिलेगा।
अब पश्चिम बंगाल में कमल खिलने की बारी है-अमित शाह

आपको बता दें कि,दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत दर्ज कर 37 सालों बाद सत्ता में वापसी की है जहां भाजपा ने आम आदमी पार्टी को इस बार सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है।वहीं साल 2026 में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अमित शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा,अब पश्चिम बंगाल की बारी है जहां चुनाव के दौरान कमल खिलने वाला है।दिल्ली में इससे पहले आम आदम पार्टी की सरकार ने केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को लागू नहीं किया है इसी तरह से पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी ने आयुष्मान योजना को अपने राज्य में लागू नहीं किया है।
2024 लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की हुई शानदार वापसी

हालांकि अब जब अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं उससे पहले अमित शाह का यह दावा करना कि,बंगाल में कमल खिलने वाला है इससे ममता बनर्जी की बेचैनी बढ़नी तय है।साल 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को उम्मीद के मुताबिक सीटों की कम संख्या मिली जिसके बाद माना जा रहा था कि,भाजपा अब कमजोर पड़ने लगी है लेकिन इसके बाद राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज कर ऐसे सभी दावों को गलत साबिक कर दिया है।जिस तरह से हरियाणा,दिल्ली और महाराष्ट्र में बीजेपी ने जीत दर्ज की है उससे बीजेपी ने एक बार फिर विपक्ष को फिर नई रणनीति पर चर्चा के लिए मजबूर कर दिया है।