Jammu&Kashmir News: धीरे-धीरे पूरा भारतवर्ष मानवता और एकता के रंग में रमता दिखाई दे रहा है। यह बात तो जग जाहिर है कि हमारा भारतवर्ष में अनेकता में एकता का देश है। परन्तु फिर भी कुछ लोगों ने इसे जाति और धर्म के आधार पर बाँटने का पूरा प्रयास किया। जिसका नतीजा हमें न जाने कितने आतंकी हमलों का समाना करना पड़ा और न जाने कितने मासूम लोगों की जान चली गयी।
हम बात कर रहे है देश के अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर की। जिससे कई बड़ी ताकतों ने हमसे अलग करने की कोशिश की मगर आज वह हमारे सिर पर ताज की तरह चमक रहा है। आज जम्मू कश्मीर में पहले के मुताबिक काफी अमन और चैन हैं।
सरकार के द्वारा जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में एक नई अनोखी पहल शुरू की गई है। केंद्र शासित प्रदेश के सभी स्कूलों में सुबह की सभा की शुरुआत राष्ट्रगान से होगी। सरकार ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने एक परिपत्र के माध्यम से सभी स्कूलों को यह निर्देश दिए है कि सुबह की सभा को एक समान बनाने के लिए राष्ट्रगान से शुरुआत होनी चाहिए।
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छात्रों में एकता और अनुशासन का विकास
शिक्षा विभाग का मानना है कि सुबह की सभाएं छात्रों के बीच एकता और अनुशासन की भावना को पैदा करने में अमूल्य साबित होती हैं। विभाग ने कहा कि ये सभाएं बच्चों में नैतिक अखंडता, सामुदायिक भावना और मानसिक शांति के मूल्यों को पोषित करने में सहायक होती हैं। इसलिए सरकार के द्वारा यह अहम कदम उठाया गया है।
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क्या है सर्कुलर के प्रमुख बिंदु?
स्कूल शिक्षा विभाग ने सर्कुलर में 16 कदम सुझाए हैं:
- सुबह की सभा 20 मिनट की होगी।
- सभी छात्र और अध्यापक इसमें शामिल होंगे।
- सभा की शुरुआत राष्ट्रगान से होगी।
- रोजाना 3-4 छात्र और अध्यापक मोटिवेशनल और अवेयरनेस की बातें करेंगे।
- महापुरुषों की जीवनी और आत्मकथा पर चर्चा होगी।
- स्कूल की गतिविधियों और आवश्यक घोषणाओं का भी समावेश होगा।
- छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा।
- हेल्थ संबंधित टिप्स भी दी जाएंगी।
- नागरिकता और संविधान की जानकारी भी दी जाएगी।
- सांस्कृतिक उत्सवों का जश्न मनाने और देश की विभिन्न संस्कृतियों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
- अतिथि वक्ताओं को आमंत्रित करने के सुझाव।
- नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ जागरूकता।
कश्मीर का इतिहास और धारा 370 का हटना
कश्मीर का इतिहास अत्यंत प्राचीन और विविधतापूर्ण रहा है। यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक घटनाओं ने इस क्षेत्र को एक विशिष्ट पहचान दी है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इसने भारतीय सभ्यता और संस्कृति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त हो गया। इस निर्णय ने जम्मू-कश्मीर को भारतीय संघ का पूर्ण और अभिन्न हिस्सा बना दिया। इसके परिणामस्वरूप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठित किया गया।