UP Teacher Bharti: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती (Assistant Teacher Recruitment) मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और पिछड़े वर्ग के हितों के लिए अपनी राजनीतिक मुहिम को तेज करने का संकेत दिया. इस बीच, बीजेपी में शीर्ष स्तर पर खामोशी के बावजूद, केशव की प्रतिक्रिया ने सियासी हलचल मचा दी है, इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी इस मुद्दे पर योगी सरकार की आलोचना की थी.
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HC का आदेश और विभागीय बैठक
आपको बता दे कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के तहत 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन सूची को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि नई सिरे से चयन सूची तैयार की जाए. इस पर शिक्षा विभाग ने एक बड़ी बैठक 18 अगस्त को निर्धारित की है. इस बैठक में मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों के साथ मंथन होगा कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश को लागू करेगी या सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी.
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
बताते चले कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य है. यह उन पिछड़े और दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया.” उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला उनके संघर्ष की मान्यता है और इसे तहेदिल से स्वीकार किया जाना चाहिए.
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अनुप्रिया पटेल ने HC के फैसले का स्वागत किया
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, जो अपना दल (एस) की मुखिया भी हैं, ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह भर्ती भाजपा की घपले-घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार हुई है. उन्होंने मांग की कि नई सिरे से एक न्यायपूर्ण सूची बनाई जाए, ताकि पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्तियां हो सकें. उन्होंने अभ्यर्थियों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर काम करने का आश्वासन दिया और इस संघर्ष में मिली जीत को अभ्यर्थियों के संयुक्त शक्ति की जीत बताया.
जानिए पूरा विवाद…
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि साल 2018 के दिसंबर महीने में यूपी में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था. इस भर्ती के लिए 2019 में 4 लाख 10 हजार उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी. 2020 में परिणाम घोषित होने पर 1 लाख 47 हजार कैंडीडेट्स पास हुए, जिनमें से 1 लाख 10 हजार आरक्षित वर्ग के थे. हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की डबल बेंच ने इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है और यूपी सरकार को तीन महीने के भीतर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है.
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