नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। पिछले कुछ दिनों में उन्होंने लागातार बीजेपी की कई नीतियों की आलोचना की है। उन्होंने इंडिया बनाव भारत को लेकर भी बयान दिया था।
Chandra Bose Resigns from BJP: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बुधवार (6 सितंबर) को कहा कि मेरी शुभकामनाएं पार्टी के साथ है, लेकिन उन्हें सभी समुदायों को एकजुट करना चाहिए। वही इस्तीफा देने के कुछ देर पहले ही उन्होंने INDIA बनाम भारत के मुद्दे पर अपनी राय रखी। चंद्र बोस ने कहा कि इसकी (नाम बदलने की) जरूरत नहीं थी। सरकार को दूसरे अहम मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। चंद्र कुमार बोस 2016 में पश्चिम बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष थे और 2020 में उन्हें हटा दिया गया था। अपने त्याग पत्र में उन्होंने लिखा है कि उन्हें बोस भाइयों – सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा का प्रचार करने के लिए भाजपा से न तो केंद्र ना ही राज्य स्तर पर कोई समर्थन मिला।
चंद्र कुमार बोस ने क्या कहा?
चंद्र कुमार बोस ने कहा, ”बंगाल स्ट्रेटजी के बारे में मैंने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और बंगाल बीजेपी को काफी प्रस्ताव दिए। इस प्रस्ताव को अच्छा माना जाता है, लेकिन इसका कभी क्रियान्वयन नहीं हुआ। मेरे आदर्श और प्रस्ताव का पालन नहीं किया गया तो इस पार्टी के साथ रहना कोई काम की बात नहीं है।”उन्होंने कहा कि मैंने बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को बताया कि पार्टी के साथ अच्छी शुभकामनाएं है, लेकिन आप सभी संप्रदाय को एक कीजिए।
अमित शाह ने दिलाई थी सदस्यता…
बता दें कि सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस करीब 7 साल पहले 25 जनवरी 2016 को बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकाता की एक रैली में चंद्र बोस को पार्टी में शामिल करने की औपचारिकता पूरी की थीं। बीजेपी में शामिल होने से पहले चंद्र बोस पीएम मोदी से कई बार मुलाकात कर चुके थे। इतना ही नहीं उन्होंने नेताजी की मौत से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने के लिए पीएम की कोशिश की खुलकर तारीफ भी की थी।
मेरे प्रस्तावों को नजरंदाज किया…
चंद्र कुमार बोस ने कहा कि मैंने लोगों तक बोस भाइयों की विचारधारा पहुंचाने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव रखा था। लेकिन पार्टी ने मेरे प्रस्तावों को नजरअंदाज कर दिया। इन दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए मेरे लिए भाजपा के सदस्य के रूप में बने रहना असंभव हो गया है।
दादा की जयंती पर दिया इस्तीफा…
उन्होंने पार्टी को भेजे त्याग पत्र में लिखा है, ‘मैंने यह कदम उठाने के लिए बोस परिवार के लिए महत्वपूर्ण तारीख को चुना है, जो कि मेरे दादा शरत चंद्र बोस की 137 जयंती है, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई, मेंटर और कमांडर-इन-आर्म्स।’