Shardiya Navratri : शारदीय नवरात्रि की 15 अक्टूबर से शुरुआत हो चुकी है। वहीं मां दुर्गे की आराधना में भक्त लीन हो गए हैं। 9 दिनों तक चलने वाले इस नवरात्र में लोग पूरे भक्ति और श्रद्धा से मनाते हैं। बता दें कि राजस्थान के बीकानेर में शक्ति का एक ऐसा सिद्धपीठ है, जहां पर देवी के लिए चढ़ाए जाने वाले भोग पर पहला हक चूहों का होता है, हजारों चूहों वाले इस देवी मंदिर का रहस्य जानने के लिए जरूर इस खबर को जरुर पढ़ें..
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प्रसाद पर सबसे पहला हक चूहों का होता है..
बता दें कि राजस्थान के बीकानेर में शक्ति का एक ऐसा ही पावन सिद्धपीठ है जो चूहे वाले मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। करणी माता का यह मंदिर बीकानेर शहर से 32 किमी दूर देशनोक गांव में है। यहां का मान्यता है कि करणी माता के दरबार में आने वाला कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नहीं लौटता है, और इस मंदिर की खासियत है कि यहां पर देवी की पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद पर सबसे पहला हक चूहों का होता है और जब वे उसे खा लेते हैं तो उसे भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है, तो आइए नवरात्रि के पावन पर्व पर विश्व के इकलौते चूहे वाले मंदिर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भक्त हिंगलाज देवी के रूप में पूजते हैं..
बीकानेर में करणी माता को मां करणी, महाई और दाढाली डोकरी यानि दाढ़ी वाली बूढ़ी माता के रूप में जाना जाता है। बता दें कि करणी माता के बारे में धार्मिक मान्यता है कि उनका जन्म चारण जाति में रिधुबाई के रूप में हुआ था, जिनकी पूजा-अर्चना चारण परिवार के लोग करते हैं। माता को हिंदू योद्धाओं की देवी माना जाता है, जिन्हें उनके भक्त हिंगलाज देवी के रूप में पूजते हैं। वहीं 51 शक्तिपीठ में से एक हिंगलाज माता का मूल मंदिर पाकिस्तान में स्थित है।
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मृत्यु होती है तो उसका पुनर्जन्म चूहे के रूप में होता है..
करणी माता के मंदिर में घूमने वाले हजारों चूहों को लेकर मान्यता है कि जब कभी किसी चारण की मृत्यु होती है तो उसका पुनर्जन्म चूहे के रूप में होता है। यही कारण है कि माता के सेवक माने जाने वाले चूहों को कोई भूलकर भी परेशान नहीं करता है। भले ही लोग चूहे के द्वारा जूठा किए गए भोज्य पदार्थ को न खाएं और उसे फेंक देते हों, लेकिन मंदिर के भीतर देवी को चढ़ाए जाने वाले भोग को सबसे पहले चूहे सेवन करते हैं, उसके बाद उनका जूठा किया गया प्रसाद सभी को बांटा जाता है। खास बात यह कि सभी इसे आदर के साथ लेकर ग्रहण करते हैं।