Women Reservation Bill: भारत में बने नए संसद भवन में आज महिला आरक्षण बिल पर 33% सीटें देने पर चर्चा हुई। जिसमें आज लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पास कर दिया गया हैं। लेकिन अभी यह लागू नहीं हुआ हैं। आपको बता दे कि आज लोकसभा में वोटिंग के बाद महिला आरक्षण बिल पर पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। वोटों का मतदान पर्चियों के जरिए किया गया। कल महिला आरक्षण बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।बता दे कि ये 2 विरोध में वोट डालने वाला AIMIM पार्टी के दो सांसदों असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील है। वहीं इस वोटिंग को पर्ची के जरिए किया गया।इसके साथ लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हुआ।
PM ने देशवाशियो को बधाई देते हुए कहा..
वहीं बिल पास होने पर PM मोदी ने देशवाशियो को बधाई देते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि लोकसभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 के इस तरह के अभूतपूर्व समर्थन के साथ पारित होने पर खुशी हुई। इससे महिला सशक्तिकरण होगा और राजनीतिक प्रक्रिया में उनकी और भी अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा. इसे जिस प्रकार से सभी राजनीतिक दलों का ऐतिहासिक समर्थन मिला है, वह विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में मील का पत्थर साबित होगा। मैं सभी सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
कुल 60 सदस्यों ने इस पर चर्चा में भाग लिए
बता दे कि जब पहले सदन के कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की थी। राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिए थे। बता दे कि इनमें 27 महिला सदस्य शामिल रहीं।
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सोनिया गांधी ने कहा..
इस अरक्षण पर सोनिया गांधी ने कहा कि ये मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था। राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। कांग्रेस की मांग है कि यह बिल तुरंत लागू किया जाए और इसके साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाए।
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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा..
हर कोई इस बात का समर्थन करेगा कि ये हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है। मैं बिल के समर्थन में हूं। ये बिल अधूरा है क्योंकि इसमें दो बात नहीं है, पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा। मेरी नजर में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33% आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा..
कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कल के दिन वर्षों से जो लंबित था वो महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ। मैं पीएम मोदी को साधुवाद देना चाहता हूं। कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का एक हथियार हो सकता है, लेकिन बीजेपी के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मानयता का सवाल है।
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असदुद्दीन ओवैसी नाराज हो जाएंगे
वहीं ओबीसी और परिसीमन को लेकर उठ रहे सवालों पर अमित शाह ने कहा कि परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसके प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं और इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य होते हैं। ये आयोग हर राज्य में जाकर पारदर्शी तरीके से नीति निर्धारण करता है और इसके पीछे केवल और केवल पारदर्शिता का ही सवाल है। अगर वायनाड (राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र) में ऐसा हो गया तो क्या होगा, अगर हैदराबाद सीट महिला के लिए आरक्षित कर दी जाए तो एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी नाराज हो जाएंगे।
महिलाओं के 33% सीट आरक्षित हो जाएंगी
आपको बता दे कि लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर 27 महिला सांसदों ने अपनी बात रखी थी। वहीं नारीशक्ति वंदन विधेयक के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके साथ राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33% सीट आरक्षित हो जाएंगी।
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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा..
अभी लोकसभा में ओबीसी सिर्फ 22% है और मुस्लिम महिलाओं के लिए भी हमने संशोधन डाला था। सिर्फ 4% मुस्लिम महिलाएं हैं, उनका भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए। बिल के खिलाफ वोटिंग पर ओवैसी ने कहा कि भारत की आबादी में 7% मुस्लिम महिलाएं हैं और उनका प्रतिनिधित्व 0.7% है। हमने इसके खिलाफ वोट किया ताकि उन्हें पता चले कि दो सांसद थे जो ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने के लिए लड़ रहे थे।