Allen Musk AI Safety Summit 2023: Britain के Bletchley Park में AI Security Summit में Central minister राजीव चंद्रशेखर ने एलन मस्क से मुलाकात की। वही उन्होंने कहां कि एलन मस्क ने उन्हें बताया कि उनके बेटे के middle name में ‘चंद्रशेखर’ है।
AI Safety Summit: यूके में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हिस्सा लिया। वही गुरुवार (2 नवंबर) को दुनिया के सबसे अमीर शख्स और कारोबारी एलन मस्क के साथ एक तस्वीर साझा की, साथ ही एक दिलचस्प बात बताई। उन्होंने कहा कि मस्क ने बताया है कि उनके बेटे के नाम भी ‘चंद्रशेखर’ है।
बकिंघमशायर के बैलेचले पार्क में हुआ एआई सुरक्षा सम्मेलन…
The threat of AI does not respect borders.
No country can do this alone.
We’re taking international action to make sure AI is developed in a safe way, for the benefit of the global community. pic.twitter.com/yQn6rCTGmf
— Rishi Sunak (@RishiSunak) November 2, 2023
ब्रिटेन के बकिंघमशायर के बैलेचले पार्क में 1-2 नवंबर को दो दिवसीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेस सुरक्षा सम्मेलन (AI Safety Summit) का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी दुनिया की जानी-मानी हस्तियों के साथ शिरकत की. इसी दौरान उनकी मुलाकात टेस्ला के मालिक एलन मस्क से हुई।
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राजीव चंद्रशेखर ने एलन मस्क के साथ साझा की तस्वीर…
Look who i bumped into at #AISafetySummit at Bletchley Park, UK.@elonmusk shared that his son with @shivon has a middle name "Chandrasekhar" – named after 1983 Nobel physicist Prof S Chandrasekhar pic.twitter.com/S8v0rUcl8P
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) November 2, 2023
इस दौरान उन्होंने मस्क के साथ की तस्वीर भी एक्स पोस्ट पर साझा की। राजीव चंद्रशेखर ने लिखा,देखिए, ब्रिटेन के बैलेचले पार्क में एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान मेरी मुलाकात किससे हुई।
28 देशों ने समिट में लिया हिस्सा…
एआई सेफिटी समिट में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन जैसे महत्वपूर्ण देशों सहित 28 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान एआई के संभावित विनाशकारी खतरों से निपटने में सहयोग करने के लिए एक समझौता किया है। ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सनक ने यह समिट आयोजित किया था। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह मानवता के अस्तित्व को खतरे में डाल सकता है।
साल 1983 में एस. चंद्रशेखर को मिला था नोबेल…
भारतीय खगोलशास्त्री चंद्रशेखर ने तारों की संरचना और विकास के लिए महत्वपूर्ण भौतिक प्रक्रियाओं के सैद्धांतिक अध्ययन के लिए 1983 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जीता था। आइटी मंत्री के पोस्ट के जवाब में जिलिस ने कहा कि हां, यह सच है। हम उन्हें संक्षेप में शेखर कहते हैं, लेकिन यह नाम हमारे बच्चों की विरासत और अद्भुत सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर के सम्मान में चुना गया था।