Ayodhya News:अयोध्या के ऐतिहासिक मंदिर में श्री राम लल्ला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ 22 जनवरी को आयोजित की गई थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुजारियों के एक समूह के नेतृत्व में वैदिक अनुष्ठान किए थे। वहीं प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से आम लोगों के लिए भगवान श्री राम के दरवाजे दर्शन के लिए खोल दिए गए।इसी क्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 4 मार्च को पूरी कैबिनेट के साथ रामलला के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे। मप्र सरकार की ओर से राम जन्मभूमि ट्रस्ट को कार्यक्रम भेजा गया है। अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दिव्य कार्यक्रम में हुई थी। तब से राम जन्मभूमि में हर दिन वीवीआईपी मूवमेंट रहता है। केंद्र सरकार के मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मंत्री विधायक और मुख्यमंत्री भी रामलला के दर्शन को पहुंच रहे हैं।
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मध्य प्रदेश कैबिनेट के सदस्य अयोध्या धाम का दौरा करेंगे
बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद सात दिनों के भीतर 20 लाख से अधिक भक्तों ने राम मंदिर के दर्शन किए।वहीं सीएम मोहन यादव ने कहा कि-” लखनऊ के दौरे के बाद मैं भोपाल लौटा।पूरे उत्साह के साथ मैं कहना चाहूंगा कि कल मध्य प्रदेश कैबिनेट के सदस्य अयोध्या धाम का दौरा करेंगे।फरवरी में जबरदस्त भीड़ के कारण हमने मार्च में यात्रा करने का फैसला किया।राम लल्ला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को आयोजित की गई थी।
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“प्राण प्रतिष्ठा सभी के लिए बड़े गौरव की बात”
सीएम ने आगे कहा कि -“22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा सभी के लिए बड़े गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि भगवान राम में हमारी गहरी आस्था है और हम सनातन धर्म में विश्वास करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की।”
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“कोई साथ आएगा तो हम उसे लेकर मटकी फोड़ने चलेंगे”
इसके बाद उन्होनें कहा कि-समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर मथुरा की उपेक्षा करने और श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से मुंह मोड़े रहने के लिए उन्हें उलाहना दिया। यह भी कहा कि -अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद हमें स्वाभाविक रूप से मथुरा की ओर देखना होगा। भगवान राम के मामले में तो जो कष्ट हुआ, वह सबके सामने है लेकिन अब भी मौका है, अब भी बोल दो। कोई साथ आएगा तो हम उसे लेकर मटकी फोड़ने चलेंगे।