Meerut House collapsed: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के जाकिर कॉलोनी में शनिवार शाम एक भयानक हादसा हुआ। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण एक पुराना तीन मंजिला मकान ढह गया, जिससे सात लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस मकान का निर्माण लगभग 50 साल पहले हुआ था और यह लोहिया नगर क्षेत्र में स्थित था और यह घटना लोहिया नगर क्षेत्र में हुई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए भी कहा है।
मलबे में दबे लोग, बचाव कार्य जारी
घटनास्थल पर मौजूद मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा के अनुसार, इस हादसे में एक ही परिवार के 14 लोग मलबे में दब गए। बचाव कार्य देर रात तक जारी रहा, अब तक कुल 12 लोगों को मलबे से निकाल लिया गया है, जिनमें से सात की मौत हो गई। मृतकों में पिता साजिद (40) और उनके तीन बच्चे शामिल हैं। अन्य गंभीर रूप से घायल लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है। हादसे में मृतकों में पिता साजिद और उनके तीन बच्चे शामिल हैं।
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प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे
मकान के ढहने की सूचना मिलते ही एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर, आईजी नचिकेता झा, कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, डीएम दीपक मीणा और एसएसपी विपिन ताडा सहित अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल की टीम भी राहत और बचाव कार्य में लगी है।
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कब हुआ यह हादसा?
जाकिर कॉलोनी की गली नंबर सात में 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला नफो उर्फ नफीस का एक तीन मंजिला मकान है, जिसकी कुल सतह 300 गज है। बताया जाता है कि यह भवन लगभग 50 साल पुराना है। मकान के ग्राउंड फ्लोर पर नफो के बेटे डेयरी का कारोबार करते थे, जबकि ऊपरी दो मंजिलों पर नफो के बेटे साजिद अपनी पत्नी सायमा के साथ, नईम अपनी पत्नी अलीशा और उनकी 5 वर्षीय बेटी रिमशा, नदीम अपनी पत्नी फरहाना और उनके 2 वर्षीय बेटे हमजा, और शाकिर अपनी पत्नी साहिबा सहित कुल 15 लोग निवास करते थे। स्थानीय निवासियों के अनुसार, शनिवार की शाम लगभग 4:30 बजे यह मकान अचानक ढह गया। मकान के ढहने से जोरदार धमाका हुआ और पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। घटना के तुरंत बाद, वहां भारी भीड़ जमा हो गई और चारों ओर चीख-पुकार की आवाजें गूंज उठीं।
पानी भरे मौसम ने बढ़ाई मुश्किलें
इस दौरान भारी बारिश और संकरी गलियों के कारण जेसीबी और एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सुविधाएं मौके पर नहीं पहुंच सकीं। मलबे को हटाने में भी बहुत कठिनाइयाँ आईं, लेकिन क्षेत्रवासियों और पुलिस की संयुक्त प्रयासों से लोगों को मलबे से बाहर निकालने का प्रयास जारी है। क्षेत्रीय लोग और बचाव दल संकीर्ण गलियों के कारण जेसीबी और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सुविधाओं को घटनास्थल पर नहीं ला सके। बावजूद इसके, स्थानीय लोगों, पुलिस और राहत टीम ने मिलकर मलबा हटाने और दबे हुए लोगों को बाहर निकालने का प्रयास जारी रखा।
घायलों को कराया भर्ती
क्षेत्रीय लोगों ने मलबे के नीचे दबे परिवार के सदस्यों की सलामती के लिए दुआ की। अभी भी मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे के बाद पांच घायलों को लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। राहत कार्य के दौरान, कई स्थानीय महिलाएं और लोग मलबे में दबे परिवार की सलामती के लिए दुआ कर रहे थे। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सावधानीपूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। यह हादसा उन लोगों के लिए एक गंभीर चेतावनी है जो पुराने और कमजोर भवनों में रह रहे हैं। मौसम की खराबी के बावजूद प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर राहत कार्य में जुटे हैं।
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सीएम योगी का संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गंभीर हादसे का संज्ञान लिया है और प्रशासन को घटनास्थल पर तुरंत पहुंचने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बचाव कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए अधिकारियों को भी आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत कार्य में सभी संभव प्रयास करने की सलाह दी है।
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