Meerapur by-election: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर आज उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा है. इन चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच माना जा रहा है. हालांकि, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. मीरापुर (Meerapur) विधानसभा सीट पर रालोद उम्मीदवार मिथलेश पाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां फर्जी वोटिंग करवाई जा रही है. मीरापुर में उपचुनाव के लिए मतदान जारी है. ककरौली क्षेत्र में मुस्लिम मतदाताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें वोट डालने जाने से रोका, जिसके विरोध में उन्होंने सड़कों पर जाम लगाने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस पर पथराव भी किया गया.
Read More: Mainpuri की करहल सीट पर दिखेगी कांटे की टक्कर, BJP ने सपा के गढ़ में बढ़ाई अखिलेश की टेंशन
मीरापुर में फर्जी वोटिंग का आरोप
मतदान के बीच आरोप-प्रत्यारो का सिलसिला तो काफी पुराना..मीरापुर (Meerapur) सीट से रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल ने दावा किया कि मस्जिदों और मदरसों में बाहरी लोग ठहरे हुए हैं और फर्जी वोटिंग करवा रहे हैं. उन्होंने पुलिस पर विपक्षी दलों का साथ देने का भी आरोप लगाया है. उनके अनुसार, पुलिस ने उनके समर्थकों को मतदान केंद्रों से भगा दिया और बुर्के में फर्जी वोटिंग पर कोई कार्रवाई नहीं की.
https://twitter.com/primetvindia/status/1859098918161969226
मीरापुर की खास राजनीतिक स्थिति
दरअसल, मीरापुर (Meerapur) सीट पर चुनाव इस बार खास है क्योंकि यहां दो नई पार्टियों, आजाद समाज पार्टी और एआईएमआईएम, ने भी अपनी दावेदारी पेश की है. मुस्लिम आबादी के 40% हिस्से के साथ यह सीट अहम मानी जा रही है. यहां जाट, गुर्जर, पाल, और त्यागी बिरादरी के वोट भी हार-जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भाजपा और रालोद गठबंधन के प्रचार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जयंत चौधरी ने प्रचार किया, जबकि सपा और आजाद समाज पार्टी ने भी पूरी ताकत झोंकी.
समाजवादी पार्टी का भाजपा पर निशाना
समाजवादी पार्टी ने भाजपा पर सत्ता का दुरुपयोग करने और पुलिस के माध्यम से वोटरों को डराने के आरोप लगाए. सपा ने ट्वीट कर कहा कि कुंदरकी, मीरापुर, सीसामऊ समेत कई सीटों पर पुलिस वोटरों को मतदान से रोक रही है. सपा ने चुनाव आयोग को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि निष्पक्ष चुनाव नहीं हुआ तो जनांदोलन के लिए तैयार रहें.
अखिलेश यादव की अपील
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग और सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया कि फर्जी वोटिंग और पुलिस की कार्रवाई के वीडियो साक्ष्यों का संज्ञान लेते हुए तुरंत दंडात्मक कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि पुलिस को आधार कार्ड या वोटर आईडी जांचने का अधिकार नहीं है और ऐसे अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए.
मतदाताओं का उत्साह
कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी विधानसभा क्षेत्रों में सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिली. इन 9 सीटों पर कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं. गाजियाबाद में सबसे अधिक 14 उम्मीदवार हैं, जबकि सीसामऊ में सबसे कम उम्मीदवार हैं.
उपचुनाव का सियासी महत्व
उत्तर प्रदेश के उपचुनावों को 2027 के विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव दोनों के लिए यह चुनाव सियासी साख का सवाल बन चुका है. 2022 के विधानसभा चुनावों में सपा ने सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर पर जीत हासिल की थी. मीरापुर (Meerapur) सीट रालोद के खाते में गई थी.
निष्पक्षता की मांग
इस उपचुनाव में जहां सत्तारूढ़ भाजपा के लिए अपनी पकड़ बनाए रखना अहम है, वहीं विपक्षी दलों के लिए यह मौका है सत्ता पक्ष की नीतियों को चुनौती देने का. चुनाव आयोग और पुलिस की निष्पक्षता को लेकर उठे सवाल इस उपचुनाव के परिणामों को और भी रोचक बना सकते हैं.
Read More: UP By Election: सपा ने उपचुनाव के लिए EC को लिखी चिट्ठी ,रखी ये मांग?