Mathura Train Accident: आगरा-दिल्ली रेलमार्ग पर बुधवार रात कोयला लदी एक मालगाड़ी के 26 वैगन पटरी से उतरने के कारण रेल यातायात प्रभावित हुआ है। इस घटना से अप-डाउन के साथ-साथ तीसरी लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई। बुधवार रात करीब 8 बजे हाट एक्सल के कारण यह हादसा हुआ। यह मालगाड़ी सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से सूरतगढ़ (गुजरात) जा रही थी और आगरा कैंट स्टेशन पर कुछ समय के लिए रुकी थी। जब इसे फिर से रवाना किया गया, तब ट्रेन की गति 60 किमी प्रति घंटा थी। उप स्टेशन अधीक्षक वृंदावन रोड स्टेशन से कंट्रोल रूम को इस संबंध में सूचना दी गई थी कि ट्रेन के पहियों से चिंगारी निकल रही है।
रेलवे का त्वरित राहत कार्य जारी
इस हादसे के बाद रेलवे अधिकारियों ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया। 800 रेलकर्मियों की टीम, 12 जेसीबी और क्रेन के साथ घटनास्थल पर जुटी हुई है। हालांकि, दुर्घटना के कारण 500 मीटर ट्रैक और 800 स्लीपर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अलावा, कई ओवर हेड इलेक्ट्रिक खंभे भी टूट गए हैं। रात 10 बजे से पहले रेलवे ने चौथी लाइन से ट्रेन संचालन शुरू कर दिया था, लेकिन अन्य लाइनों पर काम अभी भी जारी है। इस घटना में 34 ट्रेनों को रद्द किया गया है, जबकि 42 ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया। राहत कार्य में तेजी लाने के लिए उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी भी मौके पर पहुंचे।
यात्रियों को बसों का सहारा लेना पड़ा
दिल्ली से आगरा की ओर आने वाली ट्रेनों के संचालन बंद होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ज्यादातर यात्रियों ने अपने सफर के लिए बसों का सहारा लिया। गुरुवार रात 10 बजे तीसरी रेल लाइन चालू की गई, जबकि पहली और दूसरी लाइन के शुक्रवार सुबह चालू होने की संभावना जताई जा रही है।
दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू
दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जांच की जा रही है। सेवानिवृत्त इंजीनियर टीके शर्मा के अनुसार, वैगन में निर्धारित से अधिक माल लदा होने या फिर बेयरिंग की ठीक से जांच न होने के चलते हाट एक्सल की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इससे वैगन के पहिये तेजी से गर्म होने लगते हैं और चिंगारी निकलने लगती है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। रेलवे अधिकारियों ने प्राथमिक जांच में पाया है कि तकनीकी कारणों के चलते यह हादसा हुआ है। इस घटना से न केवल यातायात प्रभावित हुआ है, बल्कि इससे यात्रियों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
रेलवे ने स्थिति को सामान्य करने के लिए तेजी से कदम उठाए हैं। उपेंद्र चंद्र जोशी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता जल्द से जल्द ट्रेन संचालन को सामान्य करना है। हमारी टीमें काम कर रही हैं।” अब देखना है कि रेलवे इस स्थिति को कैसे संभालता है और यात्रियों को राहत कैसे प्रदान करता है।
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