महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन के नाम पर जो आग उठी थी…उसकी लौ अब तेज हो गई है, सरकार के खिलाफ हल्ला बोल से शुरू हुआ ये आंदोलन अब और उग्र रूप लेता जा रहा है। खासकर महारष्ट्र के बीड और जालना में आंदोलनकारी हिंसक होते जा रहे हैं…जो सरकारी संपत्तियों के साथ-साथ सरकार के नुमाइंदों को निशाना बनाने लगे हैं।
घर में मौजूद थे विधायक
महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन के नाम सड़क पर उतरी भीड़ भयानक रूप ले चुकी है। मराठाओं ने सरकार के खिलाफ जो हल्लाबोल किया था। अब ये आवाज आगजनी से लेकर तोड़फोड़ तक पहुंच गई है। आंदोलनकारियों ने निशाने पर जो कुछ आ रहा है। नेस्तानाबूत हो रहा है, गाड़ियों की तोड़फोड़ हो या फिर आगजनी…मराठा आंदोलन के नाम पर महाराष्ट्र जल रहा है। सरकार के लिए सबसे बड़ी टेंशन इस बात की खड़ी हो गई कि आंदोलनकारी अब सरकारी नुमांइदो को भई निशाना बनाने में लग गए हैं।
उग्र हुआ मराठा आरक्षण का आंदोलन
मराठा आंदोलन में हो रही हिंसा का अंदाजा इन आग की लपटों से लगाया जा सकता है। जो सबकुछ जलाकर राख कर देने पर अमादा हैं। आग के आगोश में समाकर जलता हुआ ये घर बीड इलाके में बने एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंकी का है। जिसमें प्रदर्शनकारियों ने पहले तोड़फोड़ की और बाद में इसे तलती लपटों के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि जिस वक्त प्रदर्शनकारियों ने घर को आग लगाई उस वक्त विधायक प्रकाश सोलंकी घर में ही मौजूद थे। गनीमत रही कि इस की चपेट से विधायक और उनका परिवार बच गया।
आरक्षण के नाम पर सुलग रहा महाराष्ट्र
मराठा आरक्षण को लेकर उठी मांग पर महाराष्ट्र सरकार विचार कर रही है। आंदोलन की आड़ में हो रही आगजनी, तोड़फोड़ को रोकने के लिए सरकार आंदोलनकारियों से बातचीत को भी तैयार है। राज्य में ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद मराठा आरक्षण का पेंच फंसा हुआ है। जिस पर शिंदे सरकार विचार कर रही है। वहीं शिदें सरकार के खिलाफ सहयोगी पार्टी बीजेपी के साथ रामदास तडस अनशन पर हैं।
अनशन इसलिए चल रहा है क्यों कि सांसद को डर है कि कहीं मराठा को दिया जाने वाला आरक्षण ओबीसी कोटे से ही न दिया जाए। मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन को अब हिंसा और आगजनी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया हैं। महाराष्ट्र में लगातार हो रही आगजनी ने मणिपुर हिंसा की याद दिला दी है। जहां इस साल मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।