Input- Mayuri
गोवा: लोगों का सपना होता है कि वो एक बार गोवा जाए और वहा के खूबसूरत तटों पर घूमने जाएं… लोग छुट्टियों में इस खूबसूरत शहर का रुख करते हैं, लेकिन गोवा के पांच समुद्री तटों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोवा के पर्यावरण मंत्री निलेश कबराल ने विधानसभा में निर्दलीय विधायक एलेक्सियो रेजिनाल्डो लोरेंको के एक सवाल का जवाब देते हुए इस बात का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि ये बीच समुद्र में डूब रहे हैं.जिसकी मुख्य वजह मिट्टी का कटाव है.
न तटों को है खतरा
मंत्री नीलेश काबराल ने बताया कि पेरनेम तालुका के केरी बीच, मजोर्डा, बेतलबातिम बीच, क्वेपेम में कनागिनी बीच और बार्डेज का कोको बीच सालसेटे के मोबोर से बेतूल बीच तक को खतरा है. ये लगातार हो रहे मिट्टी के कटाव के कारण समुद्री बहाव में बहते जा रहे हैं. राज्य सरकार के वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट की ओर से इसकी स्टडी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (NIOT) को करने के लिए सौंपी थी, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने 2021 में दी थी.
नीदरलैंड से एक्सपर्ट को बुलाया गया
गोवा कोस्टल मैनेजमेंट एनवायरमेंट सोसाइटी ने इन तटों की सुरक्षा और बचाव के लिए अभियान की शुरुआत कर दी है. इसी क्रम में शुरुआती स्टडी के लिए सोसाइटी ने नीदरलैंड की एक एजेंसी के एक्सपर्ट को गोवा बुलाया है. एक्सपर्ट यह बताएगा कि किस समुद्री तट को कैसे बचाया जा सकता है. फिलहाल केरी बीच पर टेट्रापॉड्स, खानागिनिम बीच पर पत्थर, बार्डेज के कोको बीच पर कॉन्क्रीट के ब्लॉक्स लगाकर कटाव को रोकने की कोशिश की जा रही है.
बैरियर बनाए गए हैं
नीदरलैंड का 26% हिस्सा समुद्र के जलस्तर से नीचे है. नीदरलैंड ने देश के चारों तरफ कई तरह का इनोवेटिव कंस्ट्रक्शन कराया है., जिसमें से सबसे बड़ा स्टॉर्म सर्ज बैरियर मेस्लेंट है. यह रॉटरडम, जोकि यूरोप का सबसे बड़ा बंदगाह भी है, उस इलाके की सुनामी, समुद्री तूफान और सुनामी से रक्षा करता है. ये बैरियर दो Eiffel Tower के जितना बड़ा है.
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ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहा समुद्र का जलस्तर
हालांकि, ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे नीदरलैंड पर समुद्र में डूबने का खतरा है. अनुमान के मुताबिक, सदी के अंत तक यहां समुद्री जलस्तर 3 फीट तक बढ़ जाएगा. कुछ ऐसे ही हालात गोवा के बीचेज के भी हैं.