Malaysian PM: मलेशिया (Malaysia) के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने अपने भारत दौरे के दौरान मंगलवार को भारत में अल्पसंख्यकों के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अल्पसंख्यकों या धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले ‘कुछ गंभीर मुद्दों’ का सामना करना पड़ता है.उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को इन मुद्दों से निपटने में अपनी सही भूमिका निभानी चाहिए. दिल्ली में इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (Indian Council of World Affairs) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए इब्राहिम ने कहा, “मैं इस तथ्य से इनकार नहीं करता कि आपको अल्पसंख्यकों या धार्मिक भावनाओं को प्रभावित करने वाले कुछ गंभीर मुद्दों का सामना करना पड़ता है. लेकिन हमें आशा है कि भारत इससे निपटने के लिए अपनी सही भूमिका निभाता रहेगा.”
नेहरू और अन्य नेताओं के संघर्ष का जिक्र
आपको बता दे कि मलेशियाई प्रधानमंत्री (Malaysian Prime Minister) ने अपने भाषण में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अन्य वैश्विक नेताओं के संघर्ष को भी याद किया. उन्होंने कहा, “मैंने इसका जिक्र पीएम मोदी से भी किया है कि एक वक्त था जब नेहरू, झोऊ इनलाई (पूर्व चीनी प्रधानमंत्री), सुकर्णो (इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति) और (जूलियस) न्यरेरे (तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति) मिलकर उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद के खिलाफ ग्लोबल साउथ के लिए खड़े रहे. वे संघर्ष करते रहे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम मानवता, आजादी, और पुरुषों और महिलाओं के सम्मान की बात को पहचान सकें.”
भारत-मलेशिया के रिश्तों पर जाकिर नाइक का प्रभाव
भारत और मलेशिया (Malaysia) के द्विपक्षीय रिश्ते धीरे-धीरे पटरी पर आ रहे हैं, लेकिन विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक इन संबंधों में एक बड़ी रुकावट बने हुए हैं। जाकिर नाइक, जो साल 2016 में भारत से भाग गया था, को 2018 में मलेशिया ने शरण दी थी. नाइक पर भारत में भड़काऊ भाषण देने, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप है. इस मुद्दे पर बोलते हुए अनवर इब्राहिम ने कहा कि अगर भारत नाइक के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करता है तो उनकी सरकार उसे भारत प्रत्यर्पित करने पर विचार कर सकती है.
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जाकिर नाइक पर भारत का रुख और द्विपक्षीय संबंध
मलेशियाई प्रधानमंत्री (Malaysian Prime Minister) ने इस बात का भी उल्लेख किया कि पीएम मोदी के साथ उनकी बातचीत में जाकिर नाइक का मुद्दा नहीं उठाया गया. उन्होंने कहा, “पहली बात ये कि भारतीय पक्ष ने इस मुद्दे को नहीं उठाया. पीएम मोदी ने कुछ साल पहले इस मुद्दे को उठाया था. हम आतंकवाद को माफ नहीं करेंगे. हम इसे लेकर सख्त रहे हैं और आतंकवाद के खिलाफ कई मुद्दों पर भारत के साथ मिलकर काम करते रहे हैं. लेकिन मेरा मानना है कि इस एक मामले को हमारे द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की राह में नहीं आना चाहिए.”
भारत-मलेशिया के रिश्तों का भविष्य
अनवर इब्राहिम के इस दौरे के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भारत और मलेशिया दोनों ही देशों के संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं, हालांकि जाकिर नाइक जैसे विवादास्पद मुद्दे इस प्रक्रिया में बाधा बन सकते हैं. इसके बावजूद, दोनों देशों के नेताओं ने इस मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों पर हावी नहीं होने देने का संकल्प लिया है, जिससे भविष्य में बेहतर सहयोग की उम्मीद की जा सकती है.