Lucknow News : मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र में रायल्टी की मिट्टी खनन के नाम पर नियमों को ताक पर रखकर गांवों की सड़कों व कच्चे मार्गों को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं। उक्त रास्तों से सैकड़ों की संख्या में खनन की हुयी मिट्टी भरे डम्फरों को निकाले जा रहे हैं। जिससे लाखों की लागत से बनी सड़कों को कुछ ही हफ्तो में क्षतिग्रस्त कर पीडब्लूडी व जिला पंचायत को चूना लगा रहा है।
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लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की
मोहनलालगंज के गोविंदपुर गांव में नियमों को दरकिनार कर पुकलैंड व दर्जनों डम्फरों को लगा कर किये जा रहे खनन से सड़क समेत नहर पटरी का कच्चा मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके चलते उस रास्ते से लोगो का निकलना दूभर हो गया है। यही नही यहां खनन करा रहे लोगों ने बिना सिचाई विभाग से परमिशन लिये खनन के डम्फरों को निकालने के लिये नहर ही पाट दी है। दर्जनो ग्रामीणों ने मंगलवार को एसडीएम मोहनलालगंज से मिलकर लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की हैं।
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गुर्गे धमकी देते हैं व मारपीट की कोशिश करते
एसडीएम ने शिकायतकर्ता ग्रामीणों को जांच कराकर कार्यवाही का आश्वासन दिया। मोहनलालगंज के गोविंदपुर के ग्रामीणों ने एसडीएम बृजेश कुमार वर्मा से लिखित शिकायत करते हुये बताया कि उनके गांव में नियमों व मानकों को दरकिनार कर पुकलैंड मशीन व दर्जनों डम्फरों को लगाकर खनन किया जा रहा है और मुख्य मार्ग समेत नहर पटरी से खनन की मिट्टी से ओवरलोड डम्फरों को निकालकर मार्गों को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। जिसके चलते मुख्य मार्ग समेत नहर पटरी से ग्रामीणों का निकलना दूभर हो गया है। विरोध करने पर खनन करा रहे लोगों के गुर्गे धमकी देते हैं व मारपीट की कोशिश करते हैं।
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ग्रामीणों को जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया
यही नही बिना सिचाई विभाग से परमिशन लिये नहर को पाट दिया गया है। जिससे आसानी से डम्फरों को निकालकर ले जाया जा सके। डम्फरों में लदी मिट्टी को ढककर भी नही ले जाया जाता है। एसडीएम बृजेश कुुमार वर्मा ने शिकायतकर्ता ग्रामीणों को जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया।
सरकारी कार्यों की अनुज्ञा लेकर प्राइवेट साइडों पर डाली जा रही मिट्टी
क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि खनन कराने वाले लोग सरकारी कार्यों की मिट्टी की अनुज्ञा लेकर प्राइवेट प्लाटिंग साइडों पर मिट्टी डालते हंै। जिसके एवज में पुलिस से लेकर तहसील प्रशासन तक से सेटिंग रखते है ओर सेंटिग के बाद क्षेत्र में मिट्टी बेचकर अपनी जेबे गर्म करते हैं। वहीं शिकायत करने पर स्थानीय प्रशासन व पुलिस के अफसर सरकारी कार्य की अनुज्ञा का हवाला देकर शिकायतकर्ता को समझा बूझाकर चलता कर देते हैं।