Chetan Patil Arrested: महाराष्ट्र (Maharashtra) के सिंधुदुर्ग (Sindhudurg) जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की 35 फुट ऊंची प्रतिमा के ढहने के मामले में पुलिस ने सख्त कदम उठाया है. पुलिस ने इस मामले में संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि चेतन पाटिल को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया और उन्हें आगे की जांच के लिए सिंधुदुर्ग पुलिस को सौंप दिया गया है.
संरचनात्मक सलाहकार का बयान
सिंधुदुर्ग पुलिस के मुताबिक, इस मामले में चेतन पाटिल को गिरफ्तार कर लिया गया है. कोल्हापुर निवासी चेतन पाटिल ने पहले कहा था कि वह इस परियोजना के संरचनात्मक सलाहकार नहीं थे. मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए, उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने केवल राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के माध्यम से भारतीय नौसेना को मंच का डिजाइन सौंपा था, लेकिन मूर्ति के निर्माण से उनका कोई संबंध नहीं था. चेतन पाटिल ने बताया कि ठाणे स्थित एक कंपनी ने प्रतिमा का निर्माण किया था और उन्हें केवल उस मंच पर काम करने के लिए कहा गया था, जिस पर मूर्ति खड़ी की जानी थी.
प्रतिमा ढहने की घटना और राजनीतिक प्रतिक्रिया
यह प्रतिमा तटीय कोंकण के मालवन में सत्रहवीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज की थी, जिसका अनावरण पिछले साल नौसेना दिवस (4 दिसंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. लेकिन इस घटना के महज आठ महीने बाद, 26 अगस्त की दोपहर को यह प्रतिमा गिर गई. इस घटना के बाद विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के इस्तीफे की मांग की.
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उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
इससे पहले, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के लोगों से इस घटना के लिए माफी मांगी और दोषियों को सख्त सजा देने की प्रतिबद्धता जताई. वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना पर कहा कि प्रतिमा का डिजाइन और निर्माण भारतीय नौसेना द्वारा किया गया था. इसके बाद, मूर्ति के गिरने के कारणों की जांच और नई प्रतिमा के निर्माण के लिए एक तकनीकी समिति का गठन किया गया. इस समिति में इंजीनियर्स, आईआईटी के विशेषज्ञ और नौसेना के अधिकारी शामिल हैं.
भारतीय नौसेना का बयान
इससे पहले, भारतीय नौसेना ने भी इस घटना पर अपना बयान जारी किया था. नौसेना ने कहा कि उसने महाराष्ट्र के मालवण में स्थापित की गई शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा की परियोजना की संकल्पना की थी और इसे राज्य सरकार के समन्वय में कार्यान्वित किया था. राज्य सरकार ने इसके लिए बजट उपलब्ध कराया था। नौसेना ने आश्वासन दिया कि वह प्रतिमा की मरम्मत और इसे जल्द से जल्द फिर से स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता करेगी.
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राजनीतिक हलकों में हलचल
इस घटना ने महाराष्ट्र में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में काफी हलचल मचा दी है, और इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि इस तरह की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में जिम्मेदारी और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए. अब देखना यह है कि तकनीकी समिति की रिपोर्ट के बाद क्या निष्कर्ष निकलता है और दोषियों को क्या सजा मिलती है.
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