Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Election) के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। 20 नवंबर को होने वाले इस चुनाव में सभी की नजरें सीट बंटवारे पर टिकी हुई हैं। इस बीच सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन (Mahaayuti Gathabandhan) ने सीटों के बंटवारे का काम लगभग पूरा कर लिया है, जिससे उन्हें एक बड़ी बढ़त मिल गई है। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे का मुद्दा अब भी उलझा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, महायुति के भीतर हुए सीट बंटवारे के तहत भाजपा 156 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो सबसे ज्यादा है। शिवसेना (शिंदे गुट) को 78 से 80 सीटें मिलेंगी, जबकि एनसीपी (अजित पवार गुट) को 53 से 54 सीटें दी गई हैं। भाजपा ने अपनी 99 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान पहले ही कर दिया है, जबकि शिंदे और अजित पवार गुट भी जल्द ही अपने प्रत्याशियों की घोषणा करेंगे।
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सीट बंटवारे में अमित शाह की अहम भूमिका
सत्तारूढ़ महायुति में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए कई दिनों से गहन बातचीत चल रही थी। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की अध्यक्षता में भाजपा और सहयोगी दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली में हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) भी शामिल थे। बैठक में शाह ने सहयोगी दलों के साथ विस्तार से चर्चा की और अंततः सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया। हालांकि इस पर आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है, लेकिन तय की गई सीटों के आधार पर सभी दलों ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। भाजपा द्वारा 99 सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी करना इसी की एक मिसाल है।
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2019 के बाद से सियासी समीकरणों में बड़ा बदलाव
महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटों के लिए 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होना है। पिछला चुनाव 2019 में हुआ था, जिसमें भाजपा ने 105 सीटें जीती थीं। शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि, चुनाव के बाद भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद पैदा हो गए थे, जिसके चलते शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाया, और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।
हालांकि, कुछ समय बाद शिवसेना में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बगावत हो गई, जिसके बाद उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया गया। बाद में एनसीपी के अजित पवार ने भी बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया, जिससे महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा।
लोकसभा चुनाव में महायुति को झटका
हाल के लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को कड़ी टक्कर दी थी। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 13 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा और उद्धव गुट की शिवसेना को 9-9 सीटों पर संतोष करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में अब महायुति अपनी राजनीतिक ताकत को पुनः मजबूत करने की कोशिश में है। सीट बंटवारे के मामले में तेजी से कदम उठाकर महायुति ने खुद को चुनावी दौड़ में आगे कर लिया है।
महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे पर अब भी असहमति
दूसरी ओर, विपक्षी महाविकास अघाड़ी में सीट बंटवारे का मामला अब भी उलझा हुआ है। विदर्भ और मुंबई की कुछ सीटों को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच खींचतान जारी है। दोनों दल अपनी-अपनी दावेदारी पर अड़े हुए हैं, जिसके चलते मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भी इस खींचतान की पुष्टि की है और कहा है कि करीब 30-40 सीटों पर अभी