Maharashtra Election Result: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने राजनीतिक समीकरणों को हिला कर रख दिया है। दोपहर 12:20 बजे तक के ताजा रुझानों के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति 288 सीटों वाली विधानसभा में 218 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) महज 56 सीटों पर सिमटता नजर आ रहा है। इस नतीजे ने विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी की रणनीति को गहन विश्लेषण के घेरे में ला खड़ा कर दिया है।
छह महीने में क्या बदला?
लोकसभा चुनाव 2024 में जहां MVA ने इंडिया गठबंधन के तहत शानदार प्रदर्शन करते हुए 48 में से 30 सीटें जीती थीं, वहीं महज छह महीने बाद विधानसभा चुनावों में यह प्रदर्शन फीका पड़ गया। ऐसा लग रहा है कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के “संविधान बचाओ” और “जातिगत जनगणना” जैसे मुद्दे महाराष्ट्र के मतदाताओं को भाए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव में वही मुद्दे अपना जादू नहीं दिखा पाए।
राहुल गांधी की रणनीति पर उठे सवाल
राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में “संविधान बचाओ” और “आरक्षण खत्म करने की साजिश” जैसे मुद्दों को लेकर जो लहर बनाई थी, वह विधानसभा चुनाव तक टिक नहीं पाई। भाजपा ने विकास, स्थिरता, और मराठा आरक्षण के साथ अपनी पहुंच को मजबूत करते हुए मतदाताओं का भरोसा जीता। राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार में जातिगत जनगणना, आरक्षण सीमा बढ़ाने और संविधान की रक्षा जैसे मुद्दों को ही प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा, “संविधान सभी को समान अधिकार देता है और भाजपा-आरएसएस (BJP-RSS) इसे कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।” हालांकि, इस बार मतदाताओं ने इन बातों को गंभीरता से नहीं लिया। विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल गांधी का यह नैरेटिव महाराष्ट्र की जमीनी सच्चाई से मेल नहीं खाता, जिससे जनता का विश्वास डगमगा गया और नतीजा सभी के सामने है।
महाराष्ट्र का वोटिंग पैटर्न
महाराष्ट्र की जनसंख्या में ओबीसी (38%), मराठा (28%), दलित (12%), और आदिवासी (9%) बड़ी हिस्सेदारी रखते हैं। राहुल गांधी की कोशिश इन समुदायों को एकजुट कर MVA के पक्ष में करने की थी। बावजूद इसके, महायुति ने इन वर्गों में भी मजबूत पैठ बनाई। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, MVA को कुल 32.83% वोट मिले, जो लोकसभा चुनाव के 43.71% से काफी कम है। इसके विपरीत, महायुति को 48.73% वोट मिले, जो लोकसभा के 43% से बढ़त को दर्शाता है।
1 बजे तक किसके हिस्से कितने वोट?
विधानसभा 2024 (वर्तमान)
कांग्रेस: 10.58%
एनसीपी (शरद पवार): 11.58%
शिवसेना (उद्धव): 10.67%
कुल MVA वोट प्रतिशत: 32.83%
भाजपा: 25.08%
एनसीपी (अजित पवार): 10.95%
शिवसेना (एकनाथ शिंदे): 12.70%
कुल महायुति वोट प्रतिशत: 48.73%
लोकसभा 2024 (6 महीने पहले)
कांग्रेस: 16.92%
एनसीपी (शरद पवार): 10.27%
शिवसेना (उद्धव): 16.52%
कुल MVA वोट प्रतिशत: 43.71%
भाजपा: 26.18%
एनसीपी (अजित पवार): 3.60%
शिवसेना (एकनाथ शिंदे): 12.95%
कुल महायुति वोट प्रतिशत: 43%
MVA को आत्मचिंतन की जरूरत
इन नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि MVA को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। महायुति ने न केवल जातीय समीकरणों को साधा, बल्कि अपने वोट प्रतिशत में भी बढ़ोतरी की। महाराष्ट्र की राजनीति में यह परिवर्तन कांग्रेस और सहयोगी दलों के लिए बड़ा झटका है। सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी और MVA इस झटके से उबर पाएंगे? या फिर महायुति का यह वर्चस्व आने वाले चुनावों में भी कायम रहेगा?