Maharashtra Election: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन (Mahavikas Aghadi alliance) के भीतर राजनीतिक खींचतान और असहमति की स्थिति अब चरम पर पहुंच गई है। कांग्रेस (Congress) पार्टी ने सीट बंटवारे के पहले से तय फॉर्मूले को चुनौती देते हुए रविवार को अपने उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की। इसके साथ ही कांग्रेस के उम्मीदवारों की संख्या 99 पर पहुंच गई है। इससे पहले कांग्रेस ने 87 उम्मीदवारों की घोषणा की थी, लेकिन अब चौथी सूची में 14 और नाम जोड़े गए हैं, जिसमें से दो नाम प्रतिस्थापन के तौर पर आए हैं।
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कांग्रेस की नई लिस्ट में बदलाव, कुछ सीटों पर नए चेहरे
शनिवार को घोषित सूची में कांग्रेस ने अंधेरी पश्चिम से सचिन सावंत और औरंगाबाद पूर्व से मधुकर देशमुख को उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन ताजा बदलावों के अनुसार, अब इन दोनों का स्थान अशोक जाधव (अंधेरी) और लहू शेवाले (औरंगाबाद) ने ले लिया है। वहीं पुणे कैंटोनमेंट से पूर्व मंत्री रमेश बागवे को कांग्रेस ने एक बार फिर टिकट देकर उन पर अपना भरोसा जताया है। शिवाजीनगर से दत्ता बहिरत को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया गया है, हालांकि पिछले चुनाव में वे बीजेपी के सिद्धार्थ शिरोले से हार गए थे। इस बार कांग्रेस के सनी निम्हन को इस सीट पर उतारा गया था, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी जगह बहिरत को मौका दे दिया गया।
कांग्रेस का सबसे बड़ा दाव, 99 सीटों पर की घोषणा
मौजूदा सीटों की घोषणा के मुताबिक, कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी में अब तक सबसे अधिक सीटों पर दावा जताया है। कांग्रेस ने 99 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 83 सीटों पर और एनसीपी ने 77 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इस प्रकार अघाड़ी ने कुल 259 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि 29 सीटें अभी भी खाली हैं।
सीट बंटवारे के समझौते पर उठा सवाल
महाविकास अघाड़ी के भीतर सीट बंटवारे को लेकर पहले यह तय हुआ था कि तीनों दल 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, लेकिन अब कांग्रेस 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अड़ी हुई है। कांग्रेस का तर्क है कि वह लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन के आधार पर राज्य विधानसभा में अधिक सीटों पर दावा कर रही है। दूसरी ओर, शिवसेना का उद्धव गुट गठबंधन में “बड़े भाई” का दर्जा छोड़ने को तैयार नहीं है, जबकि उसे लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था।
गठबंधन की एकता पर उठे सवाल
कांग्रेस के इस रुख से अब अघाड़ी के भीतर सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या यह विवाद गठबंधन को कमजोर करेगा? कांग्रेस के बढ़ते दावों और असहमति पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया का इंतजार है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महाविकास अघाड़ी में यह दरार आने वाले समय में और गहरी होगी, या फिर यह गठबंधन मध्यस्थता से एकजुट रहेगा।
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