लखनऊ संवाददाता- मोहम्मद कलीम
- किसान व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन
लखनऊ: मोदी-योगी सरकार की किसान व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ तीन दिवसीय महापड़ाव 26 नवंबर से लखनऊ के इको गार्डन में शुरू होगा। संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के फेडरेशनों के संयुक्त मंच के आह्वान के तहत महापड़ाव में राज्यपाल के माध्यम से 25 सूत्रीय मांग पत्र राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इसमें मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय नेता भी शामिल होंगेे।
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मोदी सरकार पलटी मार गई..
सयुंक्त किसान मोर्चा के मुकुट सिंह ने बताया कि 26,27 व 28 को महापड़ाव होगा। मोदी, योगी सरकार किसानों, मजदूरों एवं जनता के अन्य हिस्सों से किए गए वादों से मुकर गई है। ऐतिहासिक किसान आंदोलन के दौरान सभी फसलों की एमएसपी की गारंटी, बिजली बिल वापसी आदि लिखित वादों से मोदी सरकार पलटी मार गई है। कॉर्पोरेट हितों में चार श्रम संहिताओं को थोपकर मजदूर वर्ग के अधिकारों को छीनने की साजिश की जा रही है।
निजी हाथों में बेचा जा रहा
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र को निजी हाथों में बेचा जा रहा है। संविधान और जनतन्त्र पर हमला हो रहा है। आंदोलन के अधिकार सहित अन्य मूलभूत अधिकारों को छीना जा रहा है। जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाने के लिए सांप्रदायिक नफरत फैलाई जा रही है।
प्रदर्शन पहली बार हो रहा
उत्तर प्रदेश में किसानों और मजदूर संगठनों के संयुक्त पड़ाव एवं प्रदर्शन पहली बार हो रहा है। आगे संयुक्त कार्यक्रमों को और तेज किया जाएगा। इस महापड़ाव में संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल तमाम किसान संगठन और केंद्रीय ट्रेड यूनियनें स्वतंत्र फेडरेशन भाग लेंगे। तीन दिनों का यह पड़ाव दिन रात चलेगा।