Mahakumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ (Mahakumbh) में मौनी अमावस्या के दिन भारी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच गए. इस दौरान भीड़ बढ़ने से व्यवस्था चरमरा गई और रात के वक्त भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं। इस घटना ने एक बार फिर से भारत में धार्मिक आयोजनों के दौरान भगदड़ के खौफनाक इतिहास को सामने ला दिया है, जिसमें पिछले 50 वर्षों में हजारों लोगों की जानें जा चुकी हैं।
भारत में भगदड़ की घटनाओं का सिलसिला
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बताते चले कि, भारत में धार्मिक आयोजनों, राजनैतिक रैलियों और सेलिब्रिटी इवेंट्स के दौरान भगदड़ की घटनाएं लगातार होती रही हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 25 वर्षों में भारत में 3900 से ज्यादा भगदड़ की घटनाएं हुई हैं, जिनमें 3000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। धार्मिक आयोजनों के दौरान ही सबसे ज्यादा भगदड़ मचने की घटनाएं सामने आई हैं।
तिरुपति मंदिर में मची भगदड़
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, हाल ही में आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर (Tirupati temple) में भी भगदड़ मच गई थी, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और करीब 40 लोग घायल हो गए। यह घटना इतनी भयावह थी कि बचने वाले श्रद्धालु यह मानने लगे थे कि वे भी नहीं बच पाएंगे। यह घटना भी धार्मिक स्थल पर एक बड़ी भगदड़ की मिसाल बन गई है।
हाथरस में हुई भगदड़
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यूपी के हाथरस (Hathras) में 2 जुलाई 2024 को एक धार्मिक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में 112 महिलाएं और 7 बच्चे थे। इस घटना के बाद यह सवाल उठता है कि क्या धार्मिक आयोजनों में भीड़ का सही प्रबंधन किया जाता है?
वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़
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साल 2022 में जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi temple) में भगदड़ मचने से 12 लोगों की मौत हुई थी और कई श्रद्धालु घायल हुए थे। यह हादसा मंदिर के संकरे प्रवेश द्वार से श्रद्धालुओं के बाहर निकलने के दौरान हुआ था, जिससे भगदड़ के हालात बने।
राजमुंदरी में हुई भगदड़
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आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में पुष्करम त्योहार के दौरान भीड़ अधिक हो गई थी, जिससे भगदड़ मच गई थी। इसमें 27 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह घटना दर्शाती है कि धार्मिक आयोजनों में समुचित व्यवस्था का अभाव कैसे गंभीर हादसों को जन्म दे सकता है।
गांधी मैदान में दशहरा कार्यक्रम के बाद भगदड़
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पटना के गांधी मैदान में 2014 में दशहरा कार्यक्रम के बाद भगदड़ मच गई थी। इस घटना में 32 लोगों की मौत हो गई और 26 लोग घायल हुए थे। यह घटना दर्शाती है कि बड़े आयोजनों के बाद भीड़ का सही दिशा में मार्गदर्शन न होने से भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
मध्य प्रदेश के रतनगढ़ देवी मंदिर में भगदड़
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मध्य प्रदेश के दतिया जिले के रतनगढ़ देवी मंदिर में 2013 में नवरात्रि उत्सव के दौरान भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 115 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि बड़े आयोजनों में व्यवस्थाएं न होने से भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
भारत में कई घटनाओं का सिलसिला
इन घटनाओं में 1954 के महाकुंभ, जोधपुर के चामुंडा देवी मंदिर, नैना देवी मंदिर, मंधारदेवी मंदिर, नासिक कुंभ मेला, और हरिद्वार कुंभ मेला जैसी घटनाएं भी शामिल हैं, जिसमें हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं ने यह साबित किया है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी से भगदड़ जैसी घटनाएं होती हैं।
भारत में धार्मिक आयोजनों के दौरान मची भगदड़ की घटनाएं चिंता का विषय हैं। हर बार इसी तरह की घटनाओं के बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है।