Maha Kumbh 2025: सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में नदियों को बहुत ही विशेष महत्व होता है. इन नदियों में गंगा, यमुना, और सरस्वती का अत्यधिक महत्व है. इन्हीं नदियों के संगम स्थल पर आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला (Maha Kumbh) एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन है.इस मेले का श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार रहता है. यह मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है. इस बार 2025 में महाकुंभ मेला प्रयागराज (Prayagraj) में आयोजित किया जा रहा है. इस मेला दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए एक अभूतपूर्व धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा का अवसर होता है. इस अवसर पर लाखों लोग इन पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए आते हैं, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है.
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क्या है महाकुंभ मेला का महत्व ?
महाकुंभ मेला 2025 (Maha Kumbh 2025) में बहुत ही अद्भुत नजारा देखने को मिलने वाला है. इसके लिए योगी सरकार लगातार तैयारियों में जुटी हुई है. प्रयागराज (Prayagraj) का संगम तट सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति, और आध्यात्मिकता का अद्भुत मिलाजुला रूप प्रस्तुत करेगा. पिछले महाकुंभ मेला 2013 में यहां आयोजित हुआ था.
इस बार फिर से प्रयागराज (Prayagraj) में इसका आयोजन हो रहा है. इस भव्य आयोजन की तैयारी पहले से ही जोरों से चल रही है और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए विशेष इंतजाम किए हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुसार, महाकुंभ मेला 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधाओं और आकर्षण का खास ध्यान रखा जा रहा है. श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए प्रयागराज को एक नई सूरत देने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें फूलों से शहर को सजाने का भी विशेष महत्व है.
फूलों से सजेगा प्रयागराज: खास तैयारी और बजट
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, इस बार महाकुंभ मेला (Maha Kumbh) में प्रयागराज को फूलों की खुशबू से महकाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने 7 करोड़ 55 लाख 18 हजार रुपये का बजट आवंटित किया है. इस राशि का इस्तेमाल शहर में हजारों फूलों के गमले, पौधे और रंग-बिरंगे फ्लावर बेड तैयार करने के लिए किया जाएगा.
इसके अलावा, गंगा किनारे विशेष सजावटी पौधों को लगाने का काम भी शुरू हो चुका है. प्रयागराज को सुंदर और सुगंधित बनाने के लिए अयोध्या और काशी की नर्सरियों से बड़े पैमाने पर फूलों और सजावटी पौधों की आपूर्ति की जा रही है. इन पौधों का इस्तेमाल शहर के प्रमुख स्थलों, सड़कों, चौराहों, पार्कों और मंदिरों में किया जाएगा। महाकुंभ मेला स्थल को आकर्षक बनाने के लिए भी फूलों के गमलों का इस्तेमाल किया जाएगा.
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विभिन्न प्रकार के फूलों की मांग
इस बार महाकुंभ मेला 2025 (Maha Kumbh 2025) के लिए खासतौर पर गुलाब, डहेलिया, जूही, मेरीगोल्ड, कामिनी, चांदनी, गुलदावरी, नेरियम और गेंदा के विभिन्न प्रकार के फूलों की मांग है। इसके अलावा, सजावटी पौधों के रूप में एरिका पॉम, स्पाइंडल लिली, पीस लिली, बम्बू, धन लक्ष्मी, विष्णु कमल और रेड मंचीरा जैसी किस्में शामिल की जा रही हैं. इन पौधों का उद्देश्य प्रयागराज को एक सुंदर और हरियाली से भरपूर स्थान बनाना है, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो, बल्कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बने.
श्रद्धालुओं को मिलेगा एक नया अनुभव
महाकुंभ मेला 2025 (Maha Kumbh 2025) के लिए प्रयागराज की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. इस बार श्रद्धालुओं को एक नया अनुभव मिलने वाला है. फूलों से सजे शहर, साफ-सुथरी व्यवस्था, और बेहतर सुविधाओं के साथ इस बार महाकुंभ मेला भव्यता में और भी इजाफा करेगा. ये आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करता है.
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