Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, जिसे कुंभ नगरी के नाम से भी जाना जाता है, में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का शुभारंभ होने जा रहा है। हर 12 साल में आयोजित होने वाला यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक समागम का पर्व भी है। लाखों देशी-विदेशी श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान और दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। इस बार, महाकुंभ की भव्यता और भी अद्वितीय होने जा रही है, क्योंकि सरकार और प्रशासन ने श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए विशेष इंतजाम किए हैं।
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4000 हेक्टेयर में आयोजित होगा महाकुंभ
इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में 4000 हेक्टेयर के विस्तृत क्षेत्र में किया जाएगा। इस विशाल क्षेत्र में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मूलभूत सुविधाओं से लेकर सुरक्षा तक, हर पहलू पर विशेष ध्यान दिया गया है। इलाहाबाद के निवासी सत्येंद्र पटेल के अनुसार, महाकुंभ की तैयारियों में इस बार नए नियम और व्यवस्थाएं लागू की गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाया जा सके।
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सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने महाकुंभ में 40,000 से अधिक सुरक्षा बल तैनात करने की योजना बनाई है। महाकुंभ के मुख्य क्षेत्र में 16,440 सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे।
ड्रोन की मदद से निगरानी: कुंभ क्षेत्र में ड्रोन की मदद से हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।
सादी वर्दी में पुलिस कर्मी: संगम तट पर सादी वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
अतिरिक्त थाने और चौकियां: 56 अस्थायी थाने और 155 चौकियों की व्यवस्था की गई है।
परिवहन व्यवस्था में बड़े बदलाव
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए परिवहन व्यवस्था में भी कई अहम बदलाव किए गए हैं।
बड़े वाहनों पर प्रतिबंध: शहर के अंदर बड़े वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
इलेक्ट्रिक बसों की सेवा: 700 इलेक्ट्रिक बसें कुंभ क्षेत्र और संगम स्थल तक यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए तैनात रहेंगी।
विशेष रूट: श्रद्धालुओं को संगम तक पहुंचने के लिए बाहरी मार्गों का इस्तेमाल करना होगा।
भव्य आयोजन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं
महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया है। पेयजल, शौचालय, साफ-सफाई, और चिकित्सा सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो। महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। करोड़ों श्रद्धालु न केवल पवित्र स्नान करते हैं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का भी हिस्सा बनते हैं।प्रयागराज का महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। इस बार, प्रशासन और सरकार इसे नए आयाम देने के लिए तत्पर है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए की गई तैयारियां इसे एक यादगार आयोजन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।