उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रयागराज में महाकुम्भ की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने नैनी में प्रदेश के पहले एमएसडब्ल्यू आधारित बायो सीएनजी प्लांट का निरीक्षण किया और इस परियोजना को लेकर कई महत्वपूर्ण बयान दिए।
मुख्यमंत्री ने इस बायो सीएनजी प्लांट को स्वच्छ प्रयागराज और सुव्यवस्थित महाकुम्भ की दिशा में एक अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस प्लांट का कार्य महाकुम्भ के बाद भी प्रयागराज शहर के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। यह परियोजना वेस्ट टू वेल्थ की अवधारणा पर आधारित है और इसे पीपीपी मॉडल (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर चलाया जा रहा है। इससे 200 परिवारों को रोजगार मिलेगा और 56700 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
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बायो सीएनजी प्लांट का महत्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बायो सीएनजी प्लांट नगर निगम के ठोस कचरे को बायोगैस में बदलने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करता है। प्लांट का कुल उत्पादन क्षमता 343 टन प्रति दिन है, जिसमें 21.5 टन बायो CNG और 109 टन ठोस जैविक खाद उत्पादित होगी। यह प्लांट प्रयागराज शहर के लिए मॉडल साबित होगा, क्योंकि इससे पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ेगा और शहर में स्वच्छता बढ़ेगी।
महाकुम्भ की व्यवस्थाएँ
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ के लिए बनाए जा रहे स्टील ब्रिज का भी निरीक्षण किया। यह ब्रिज संगम तक जाने के लिए सबसे सहज और सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगा। इससे महाकुम्भ आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बड़ी सुविधा होगी, क्योंकि यह ब्रिज गंगा नदी के किनारे से होते हुए सीधे महाकुम्भ मेले तक पहुंचने का मार्ग प्रदान करेगा।
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स्नान घाटों की तैयारियाँ
मुख्यमंत्री ने संगम ऐरावत घाट और संगम नोज घाट का निरीक्षण करते हुए कहा कि इन घाटों पर स्नान करने वाले तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार महाकुम्भ को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त रखा जाएगा, और बायोडीग्रेडेबल सामग्री का उपयोग किया जाएगा।
वीआईपी घाट और त्रिवेणी पूजन
मुख्यमंत्री ने वीआईपी घाट का भी निरीक्षण किया, जो किले के पास तैयार किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने त्रिवेणी संगम में पूजा-अर्चना की और बड़े हनुमान जी के दर्शन किए।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री ने इस दौरान यह स्पष्ट किया कि महाकुम्भ को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए सभी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, कुम्भ सेवा मित्र की तैनाती भी की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को हर संभव मदद मिल सके।महाकुम्भ की तैयारियों के संदर्भ में मुख्यमंत्री का यह दौरा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि राज्य सरकार महाकुम्भ की सभी व्यवस्थाओं को उच्चतम स्तर पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।