Rajasthan Crime News : राजस्थान में एक अदालत में मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता से उससे कपड़े उतारने की बात कही जिसके बाद पीड़िता की शिकायत पर मजिस्ट्रेट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है.दरअसल,ये पूरा मामला राजस्थान के करौली जिले का है जहां हिंडौन कोतवाली में मजिस्ट्रेट के खिलाफ दुष्कर्म पीड़िता से अपनी चोटें दिखाने के लिए कपड़े उतारने को कहने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।मजिस्ट्रेट के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने मंगलवार को हिंडौन कोर्ट में पहुंचकर मजिस्ट्रेट से पूछताछ की और वकीलों के बयान लिए इसके बाद रजिस्ट्रार ने बुधवार को पीड़िता के भी बयान लिए हैं।
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मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता से की कपड़े उतारने की मांग
बताया जा रहा है कि,पीड़िता ने सामूहिक दुष्कर्म का केस पुलिस थाने में दर्ज कराया था.30 मार्च को मुंसिफ कोर्ट में 164 के तहत पीड़िता अपना बयान दर्ज कराने परिजनों के साथ पहुंची थी जहां परिजन और महिला पुलिसकर्मी बाहर खड़े हो गए और मजिस्ट्रेट ने पीड़िता को अंदर कमरे में बुला लिया.कमरे में पीड़िता के बयान लेने के बाद मजिस्ट्रेट ने पीड़िता को रोका और कहा,अपने कपड़े उतारो शरीर में कहां पर चोट लगी है देखना है…जिस पर पीड़िता ने बिना महिला पुलिसकर्मी के कपड़े उतारने से इनकार कर दिया तो उसे बाहर भेज दिया गया।
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19 मार्च को युवती के साथ हुआ था सामूहिक दुष्कर्म
पीड़िता ने जब ये सारी बात अपनी मां और भाई को बताई तो उन्होंने पीड़िता को हिंडौन पुलिस अधीक्षक के पास ले जाकर मजिस्ट्रेट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई.जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किए गए।वहीं इस पूरे मामले पर पुलिस अधिकारी का कहना है कि,युवती की शिकायत पर आईपीसी की धारा 345 और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.पुलिस के अनुसार दलित युवती से 19 मार्च को कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया था और उसकी ओर से 27 मार्च को हिंडौन सदर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
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आरोपी की ओर से दी जा रही केस वापस लेने की धमकी
राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तेजी से जांच करने का आदेश दिया है.मामले की जानकारी होने पर महिला संगठनों और मानव अधिकार संगठनों से जुड़े लोगों ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है.पीड़िता के परिजनों के मुताबिक आरोपी की ओर से उस पर केस वापस लेने की धमकी दी जा रही है जिसके बाद उसका परिवार गांव छोड़कर चला गया पुलिस द्वारा बुलाए जाने पर उसका परिवार 3 दिनों के बाद वापस गांव में लौट आया है।