Writer Indrajit Won Prize: भोपाल में आयोजित व्यंग्य लेखक समिति (वलेस) के वार्षिक आयोजन तथा विश्वरंग के व्यंग्य समागम में देश के विभिन्न राज्यों से आए व्यंग्यकारों की उपस्थिति में इंद्रजीत कौर(लखनऊ) तथा मलय जैन(भोपाल) व इंद्रजीत कौर(लखनऊ) को वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रीय ज्ञान चतुर्वेदी व्यंग्य सम्मान से सम्मानित किया गया। इन्हें सम्मान चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और दस हजार रूपये की नगद राशि प्रदान किये गए।
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इन्द्रजीत कम शब्दों में बड़ी रचना लिखती
मानव संग्रहालय,भोपाल में आयोजित व्यंग्य लेखक समिति के वार्षिक आयोजन तथा विश्वरंग के व्यंग्य समागम में देश के विभिन्न राज्यों से आए व्यंग्यकारों को नसीहतें देते हुए पद्मश्री डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी ने कहा- व्यंग्य लेखन अन्य विधाओं की तुलना में कठिन रचनात्मकता है। किसी स्तम्भ में प्रकाशित होने के लिए व्यंग्य लेखन को लक्ष्य नहीं बनाना चाहिये। राजमार्ग से आगे भी व्यंग्य लेखन के रास्ते हैं। आलोचना की परवाह किए बगैर लिखते रहें। व्यंग्य में दोहराव से बचें ज्ञान चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि इन्द्रजीत ने इस मत को बदला है कि महिलायें अच्छी व्यंग्यकार नहीं हो सकती। इन्द्रजीत बहुत सहज व्यंग्यकार हैं जो कम शब्दों में बड़ी रचना लिखती हैं। वो दिशा से नहीं भटकते इसलिए वो पुरस्कार की वास्तविक हकदार हैं।
सौंदर्य शास्त्र विकसित न होने पर चिंता व्यक्त की
कैलाश मंडलेकर(खंडवा) ने व्यंग्य साहित्य में सौंदर्य शास्त्र विकसित न होने पर चिंता व्यक्त की। बलराम गुमास्ता द्वारा विश्वरंग के आगामी आयोजनों की जानकारी देते हुए हिंदी के वैश्विक भाषा बनाने की दिशा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। रायपुर से आए वरिष्ठ व्यंग्यकार अख्तर अली ने बताया कि अखबारों में व्यंग्य को गौर से पढ़ा जा रहा है। वहीं डॉ.जवाहर कर्णावट(भोपाल) ने वलेस को भाषा की पाठशाला बताया। उन्होंने कहा कि लेखकों को वर्तनी की परिशुद्धता पर हमेशा ध्यान देना चाहिये। मानव संग्रहालय के निदेशक अमिताभ देशपांडे जी ने भी साहित्य में व्यंग्य के योगदान पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। उन्हें साहित्यकारों द्वारा मानव संग्रहालय पुस्तकालय के लिए अपनी पुस्तकें भेंट की गईं।
लेखिका इंद्रजीत ने निर्णायकों के प्रति आभार व्यक्त किया
सम्मानित लखनऊ की व्यंग्य लेखिका इंद्रजीत ने इसे अपने लेखन को और अधिक उन्नत बनाने के लिए दी गई बड़ी जिम्मेदारी बताते हुए निर्णायकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पुरस्कार मंज़िल नहीं पड़ाव होते है और लेखक को नई ऊर्जा से भरकर नकारात्मकता से लेखक को बचाते है। व्यंग्य वाचन सत्र में ऋषभ जैन,कैलाश मंडलेकर,मुकेश राठौर,सुनील जैन,कुमार सुरेश,मृदुल कश्यप,विवेक रंजन श्रीवास्तव,सुदर्शन सोनी,अनुज खरे,सतीशचंद्र श्रीवास्तव,घनश्याम मैथिल,डॉ तीरथ सिंह खरबंदा,प्रमोद ताम्बट,सारिका गुप्ता,प्रभात गोस्वामी,सुनील सक्सेना,अख्तर अली,इंद्रजीत कौर,मलय जैन, राकेश सोहम की रचना,विजी श्रीवास्तव और शांतिलाल जैन द्वारा व्यंग्यपाठ किया गया। सभी व्यंग्यकारों को व्यंग्य लेखक समिति एवं विश्वरंग की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
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