Lucknow News: उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वे के बाद हुई हिंसा को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पीड़ितों से मिलने संभल जाना चाहता था, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। सपा सांसद रुचि वीरा समेत कई नेताओं के घरों के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया गया।
पुलिस ने रोकी गाड़ी
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय जब अपने आवास से निकलने लगे, तो पुलिस ने उनकी गाड़ी के आगे-पीछे अपनी गाड़ियां खड़ी कर दीं। सपा सांसद रुचि वीरा के मुरादाबाद स्थित आवास पर भी सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनात कर दिया गया। माता प्रसाद पांडेय ने प्रशासन के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब मीडिया और न्याय आयोग को वहां जाने की अनुमति है, तो हमें क्यों रोका जा रहा है? हमारी उपस्थिति से कौन सी अशांति फैल सकती है?” उन्होंने इसे सरकार की “दमनकारी नीति” करार दिया।
10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित
संभल में 24 नवंबर को मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हुए। एक डिप्टी एसपी भी गोली लगने से घायल हो गए थे। इस घटना के बाद से संभल में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। डीएम ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत बाहरी व्यक्तियों के जिले में प्रवेश पर 10 दिसंबर तक रोक लगा दी है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। हालांकि, सपा नेताओं ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ऐसा कर रही है।
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“उधारू कमिश्नर हैं, उनकी बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं” – माता प्रसाद पांडेय
माता प्रसाद पांडेय ने संभल के डिविजनल कमिश्नर पर भी निशाना साधते हुए कहा, “वह उधारू कमिश्नर हैं। उनकी जिम्मेदारी यहां के कमिश्नर जितनी नहीं है। उनकी बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं।” उन्होंने कहा कि सपा का प्रतिनिधिमंडल केवल पीड़ितों से मिलकर घटना की जानकारी जुटाना चाहता था, जिसे सपा मुखिया के साथ साझा किया जाना था। उन्होंने प्रशासन के इस कदम को “लोकतंत्र की हत्या” बताया।
15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जा रहा था संभल
समाजवादी पार्टी का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज संभल जाना चाहता था, लेकिन प्रशासन ने इसे अनुमति नहीं दी है। समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा के मुरादाबाद स्थित घर के बाहर पुलिस की तैनाती की गई है। सांसद भी इस 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, लेकिन पुलिस उन्हें संभल जाने नहीं दे रही है। सांसद रुचि वीरा ने कहा कि यह सरकार की दमनकारी नीति है। सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिविल लाइन और इंस्पेक्टर सिविल लाइन पुलिस बल के साथ सपा सांसद के घर पर मौजूद हैं। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के डालीबाग स्थित घर के बाहर भी पुलिस तैनात की गई है। इसके अतिरिक्त, सपा अध्यक्ष श्यामलाल पाल के घर के बाहर भी पुलिस तैनात की गई है।
सियासत और प्रशासन के बीच फंसे पीड़ित
संभल हिंसा के बाद जहां सियासी दल अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हैं, वहीं पीड़ित अब भी न्याय और सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। प्रशासन ने जहां प्रतिनिधिमंडल के प्रवेश पर रोक लगाई है, वहीं सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। संभल की घटना को देखते हुए समझ नहीं आ रहा आखिर क्यों विपक्ष प्रसाशन को उसका काम नहीं करने दे रहा। आखिर कब तक सियासत उनके जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय उन्हें गहरा करेगी।