Lucknow News: पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। समाजवादी पार्टी सरकार में खनन मंत्री रहे प्रजापति की चार बेनामी संपत्तियों को आयकर विभाग ने जब्त कर लिया है। लखनऊ के गोमतीनगर, आशियाना और मोहनलालगंज क्षेत्र में स्थित ये संपत्तियां उनके करीबियों के नाम पर खरीदी गई थीं। इन संपत्तियों की मौजूदा बाजार कीमत 10 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
आयकर विभाग ने चार संपत्तियां कीं जब्त
आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई ने मंगलवार को चार संपत्तियों को जब्त किया। इनमें गोमतीनगर के खरगापुर में 3000 वर्ग फीट का भूखंड, मोहनलालगंज के पुरसेनी इलाके में 2000 और 1014 वर्ग फीट के दो मकान, और आशियाना कॉलोनी में 2500 वर्ग फीट का मकान शामिल हैं। यह संपत्तियां 2018 और 2019 में खरीदी गई थीं, जब गायत्री प्रजापति जेल में बंद थे। आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही इन संपत्तियों की जब्ती की जानकारी हाईकोर्ट को दी जाएगी। विभाग ने कुछ समय पहले ही इन संपत्तियों पर रोक लगाई थी।
भाजपा नेता ने किया विरोध
जब खरगापुर में स्थित भूखंड को जब्त किया जा रहा था, उस दौरान एक भाजपा नेता मौके पर पहुंचकर हंगामा करने लगा। उसने दावा किया कि यह भूखंड उसने खरीदा है। लेकिन आयकर विभाग की टीम ने उसकी एक न सुनी और सख्त रवैया अपनाते हुए कार्रवाई पूरी की।
खनन घोटाले की काली कमाई से खरीदी गईं संपत्तियां
आयकर विभाग के अनुसार, गायत्री प्रजापति ने खनन घोटाले से अर्जित काली कमाई का इस्तेमाल कर कई शहरों में बेनामी संपत्तियां खरीदीं। इनमें से अधिकतर संपत्तियां पांच फर्जी कंपनियों के माध्यम से खरीदी गईं। गायत्री प्रजापति पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले ही शिकंजा कस चुका है। ईडी ने अब तक उनकी 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों को जब्त किया है।
राजनीतिक घेरे में फंसी बेनामी संपत्तियां
आयकर विभाग को सुराग मिले हैं कि गायत्री प्रजापति की जेल जाने के बाद कई बेनामी संपत्तियां राजनेताओं और अन्य प्रभावशाली लोगों ने खरीद ली थीं। विभाग इन सौदों की भी जांच कर रहा है। इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में पांच फर्जी कंपनियों का नाम सामने आया है। इन कंपनियों के जरिए बड़े पैमाने पर काली कमाई को सफेद बनाया गया।
गायत्री प्रजापति का रहा है लंबा विवादित इतिहास
गायत्री प्रजापति का नाम उत्तर प्रदेश के बड़े खनन घोटाले में सबसे पहले तब सामने आया था, जब वह खनन मंत्री के पद पर थे। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति, फर्जीवाड़ा और बलात्कार जैसे कई गंभीर मामले दर्ज हैं। फिलहाल वह जेल में हैं, लेकिन उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आयकर विभाग इन संपत्तियों के जब्तीकरण की जानकारी हाईकोर्ट को सौंपने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही, अन्य संपत्तियों की जांच भी जारी है। आयकर विभाग और ईडी के संयुक्त प्रयासों से इस घोटाले के कई अन्य राज खुलने की उम्मीद है। गायत्री प्रजापति का मामला उत्तर प्रदेश की राजनीति में भ्रष्टाचार और काले धन के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण है। अब देखना यह है कि इस मामले में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं।