लोकसभा चुनाव 2024: आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी की नजरें बनी हुई हैं कि कौन कितना दांव मारेगा यह तो अभी तय नहीं किया जा सकता मगर चुनाव को लेकर जोरशोर से तैयारियां शुरू हो गई हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अभी से सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी हैं और अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। वहीं अगर देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी अहमियत होती है, क्योंकि यूपी में बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक यानि की 80 सीटें हैं और कहा जाता हैं केंन्द्र की सरकार का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता हैं।
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जानें रीता बहुगुणा जोशी का जीवन
रीता बहुगुणा जोशी का जन्म 22 जुलाई 1949 में आगरा में हुआ था। रीता भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं, उनकी मां स्वर्गीय कमला बहुगुणा पूर्व सांसद थीं। बताते चले कि रीता बहुगुणा जोशी एक भारतीय राजनीतिज्ञ है यूपी सरकार की कैबिनेट मंत्री हैं। वह 20 अक्टूबर 2016 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थी। वह 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रहीं। वह इलाहाबाद से भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुनी गईं।
2019 के भारतीय आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में रहीं। वहीं अगर बात करें उनके व्यक्तिगत जीवन की तो रीता बहुगुणा जोशी की शादी पैट्रिस लुंबा यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियर पीसी जोशी से हुई है और उनका एक बेटा मयंक जोशी है। उनके दो भाई हैं, विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे और शेखर बहुगुणा, जिन्होंने 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन यूपी के इलाहाबाद में फाफामऊ निर्वाचन क्षेत्र से सफल नहीं हो सके।
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रीता का प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक करियर
रीता बहुगुणा जोशी ने इतिहास में एमए और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है और वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास में प्रोफेसर हैं। वह “दक्षिण एशिया की सबसे प्रतिष्ठित महिला मेयर” में से एक के रूप में संयुक्त राष्ट्र उत्कृष्टता पुरस्कार की प्राप्तकर्ता भी हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने से पहले उन्होंने दो इतिहास की किताबें लिखीं।
वहीं अगर रीता बहुगुणा की राजनीतिक करियर की बात करें तो 1995-2000 तक इलाहाबाद की मेयर पद पर रहीं। वह राष्ट्रीय महिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष हैं, 2003 से अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और सितंबर 2007 से उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष हैं। वह दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं और असफल रहीं।
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भारत की संसद का निचला सदन, वह 2012 के राज्य चुनावों में लखनऊ छावनी के लिए विधान सभा की सदस्य चुनी गईं। रीता बहुगुणा ने दो बार लोकसभा चुनाव लोकसभा चुनाव लखनऊ से लड़ी मगर दोनों बार हार गयी। रीता का कांग्रेस में 24 साल बिताने के बाद वह 20 अक्टूबर 2016 को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुईं। 2012 के विधानसभा चुनावों में, उन्हें लखनऊ छावनी के लिए विधान सभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित किया गया था।
जानें क्यों रीता जोशी की हुई गिरफ़्तारी
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए 16 जुलाई 2009 को, उन्हें हिरासत में लिया गया था। जिसके बाद में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत पर मुरादाबाद जेल भेज दिया गया।
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आखिर क्या था बयान
बताते चले कि रीता जोशी का भाषण उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति और राज्य में बलात्कार की बढ़ती संख्या के बारे में था। उन्होंने कुछ मामलों का हवाला दिया जिनमें कुछ महिलाओं को बलात्कार के बाद 25,000 रुपये का मुआवजा दिया गया था। उन्होंने टिप्पणी की कि महिलाओं को केवल पैसे से मुआवजा देना पर्याप्त नहीं है। जिन महिलाओं के साथ बलात्कार होता है, उन्हें ” मायावती के चेहरे पर पैसे फेंक देना चाहिए और उनसे कहना चाहिए कि ‘तुम्हारे साथ भी बलात्कार होना चाहिए और मैं तुम्हें 10 मिलियन रुपये दूंगी” उन्होंने भाषण में कहा।
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रीता बहुगुणा ने 2003 से 2008 तक अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष के रूप में भारतीय महिलाओं के पक्ष में काम किया है। वह जमीनी स्तर पर महिला आंदोलन में शामिल थीं और उन्होंने महिलाओं के लिए कई सेमिनार, प्रदर्शन आदि का आयोजन किया था। उन्होंने 1991-92 में यूपी में स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण के आंदोलन का सक्रिय नेतृत्व किया। महिलाओं के खिलाफ अन्याय से लड़ने के उनके संघर्ष में, यूपी में महिलाओं पर बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के विरोध में उन्हें 2009 में जेल में डाल दिया गया था।
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यूपी में महिलाओं की दुर्दशा को दूर करने के उनके प्रयासों ने उन्हें “सबसे प्रतिष्ठित महिला मेयर” के रूप में संयुक्त राष्ट्र उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रीता बहुगुणा लखनऊ कैंट सीट चुनाव लड़ी। उन्होंने मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को सिर्फ 33,796 वोटों के अंतर से पराजित किया। बाद में उन्हें योगी कैबिनेट में कल्याण, परिवार और बाल कल्याण मंत्री व पर्यटन मंत्री के रूप में शामिल किया गया।
वहीं एक समय ऐसा आया जब रीता बहुगुणा जोशी को 2020 के दिवाली त्योहार के दौरान एक व्यक्तिगत त्रासदी का सामना करना पड़ा था। जब उनकी छह वर्षीय पोती, किया जोशी, उनके बेटे मयंक की बेटी, की दीयों के साथ खेलते समय जलने के बाद प्रयागराज में मृत्यु हो गई।