Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर को औद्योगिक शहर के नाम से जाना जाता है.जिस तरह से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को माना जाता है उसी तरह उत्तर प्रदेश के कानुपर शहर को यूपी का सबसे बड़ा औद्योगिक शहर माना जाता है.जहां कई बड़ी से बड़ी फैक्ट्रियां स्थित हैं लेकिन इसी कानपुर शहर में आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ करने वालों के बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है जहां देशी घी के नाम पर लोगों के शरीर में स्लो प्वाइजन को पहुंचाया जा रहा था।इस मामले में एडीजे 8 राम अवतार प्रसाद की कोर्ट ने नामी ब्रांड के रैपर लगाकर नकली घी बेचने वाले आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है साथ ही आरोपियों के ऊपर 1 लाख 62 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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एक आरोपी की हो चुकी मौत
कई बड़ी कंपनियों के रैपर लगाकर नकली घी बेचने वाले वाले इन आरोपियों में शामिल एक की सुनवाई से पहले मौत हो चुकी है.ये शातिर वेजिटेबल ऑयल और रिफाइंड को मिक्स करके उसमें बटर फ्लेवर की खुशबू डालकर नकली देशी घी बनाते थे.कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए 15 साल बाद अपना फैसला सुनाया है।
नामी कंपनियों के रैपर लगाकर बेच रहे थे नकली घी
दरअसल,एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायत मिली थी कि,कानपुर,फतेहपुर और प्रयागराज में नकली पराग और अमूल के टेट्रा और पाली पैक छपवाकर उनमें नकली देशी घी बेचा जा रहा है.तीन मार्च 2009 को एसटीएफ की टीम ने कानपुर के गांधीनगर में छापा मारा तो वहां 3 लोग ड्रम में रखे मिलावटी अनिक घी अमूल पारस के पैक में तौलकर गत्तों में पैक करते मिले थे.इसमें एसटीएफ ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया था जबकि एक आरोपी की केस की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है.इन सभी पर कोर्ट ने मानव शरीर के स्वास्थ्य पर खतरनाक प्रभाव डालने,फर्जीवाड़ा करने की धाराएं लगाई थी।
2013 को कोर्ट ने तय किए थे आरोप
आपको बता दें कि, नकली देशी घी बनाने वाले तीनों आरोपी यूपी के अलग-अलग जिले के रहने वाले हैं.एसटीएफ की पूछताछ में इन्होंने बताया कि,वे रिफाइंड ऑयल के साथ मिलावट कर नकली घी बनाते थे और उसको नामी कंपनियों के रैपर लगाकर पैक कर बेच देते थे। 22 जुलाई 2013 को कोर्ट ने आरोपियों पर आरोप तय किए थे,इस मामले में कोर्ट ने 8 लोगों की गवाही कराई थी.
लैब में जांच के बाद नमूनों के मिलावटी होने के प्रमाण भी पेश किए गए कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के दौरान एक आरोपी मनोज कुमार गुप्ता की मौत हो गई थी।अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर बाकी दोनों दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है.जाहिर है खाद्य सुरक्षा को लेकर पहले से अब कानून बदल चुका है लेकिन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने और किसी पदार्थ में हानिकारक मिलावट पर उम्रकैद की सजा अभी भी बरकरार है.इसी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने और असली बताकर नकली देशी घी बेचने वाले आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
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